गुजरात के पंचमहल में बड़ा हादसा: पावागढ़ रोपवे गिरने से 6 लोगों की मौत,एनडीआरएफ की टीम भी राहत कार्यों में जुट गई
गुजरात के पंचमहल जिले में रविवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पावागढ़ में रोपवे गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई । हादसा इतना अचानक हुआ कि मौके पर अफरातफरी मच गई। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन घटना ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया।
हादसा कब और कैसे हुआ?
यह हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ। पावागढ़ रोपवे से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर की ओर जा रहे थे। अचानक तकनीकी खराबी आने से एक रोपवे केबिन का संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जोरदार आवाज के साथ केबिन जमीन पर आ गिरा।
मृतकों और घायलों की स्थिति
पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ यात्रियों की हालत नाजुक बताई जा रही है।
तुरंत शुरू हुआ बचाव अभियान
जैसे ही हादसे की खबर फैली, प्रशासन ने फौरन बचाव दल और एम्बुलेंस मौके पर भेजीं।
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एनडीआरएफ की टीम भी राहत कार्यों में जुट गई।
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स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
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प्रशासन ने मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया ताकि बचाव कार्य में बाधा न हो।
श्रद्धालुओं में डर और अफरातफरी
पावागढ़ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां रोज़ाना हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। रविवार को भी बड़ी भीड़ थी। हादसे के बाद लोग दहशत में आ गए और कई श्रद्धालु वापस लौटने लगे। चश्मदीदों का कहना है कि हादसे के बाद बच्चों और महिलाओं में सबसे ज्यादा घबराहट देखी गई।
जांच के आदेश
गुजरात सरकार ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों से यह पता लगाने को कहा गया है कि आखिर रोपवे गिरने की वजह क्या थी।
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क्या यह हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ?
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क्या मेंटेनेंस में लापरवाही हुई?
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या फिर ओवरलोडिंग की वजह से यह दुर्घटना घटी?
सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह पहला मौका नहीं है जब पावागढ़ रोपवे हादसे का शिकार हुआ हो। इससे पहले भी कुछ बार तकनीकी खराबी की वजह से रोपवे घंटों तक रुका रहा है। हालांकि, इस तरह की बड़ी दुर्घटना ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने रोपवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इतने बड़े धार्मिक स्थल पर रोज़ाना हजारों लोग आते हैं, लेकिन मेंटेनेंस और सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा जाता। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने प्रशासन से जवाब मांगा है।
प्रशासन और सरकार की चुनौती
अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाना और श्रद्धालुओं का भरोसा बहाल करना।
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प्रशासन को तुरंत सुरक्षा मानकों की समीक्षा करनी होगी।
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भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
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पर्यटन और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर भी व्यापक चर्चा की आवश्यकता है।
पावागढ़ रोपवे हादसा एक दर्दनाक त्रासदी है जिसने कई परिवारों को उजाड़ दिया। यह घटना केवल मानवीय त्रासदी नहीं है बल्कि सिस्टम की लापरवाही पर भी बड़ा सवाल है।
अब जरूरी है कि सरकार और प्रशासन केवल जांच तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसे स्थलों पर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। श्रद्धालुओं की जान से बड़ा कोई मुनाफा या सुविधा नहीं हो सकती।
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