ज्वैलरी से लेकर जूते-कपड़े तक… ट्रंप के 50% टैरिफ का भारत के किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर?
भारत और अमेरिका के बीच 2024-25 में $131.8 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। इसमें भारत ने $86.5 बिलियन डॉलर का निर्यात किया और अमेरिका से $45.3 बिलियन डॉलर का आयात किया। यह व्यापार संबंध अब ट्रंप के नए टैरिफ के ऐलान के बाद संकट में आ गए हैं।
27 अगस्त 2025 को, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले कई प्रमुख उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह फैसला भारत के कई अहम सेक्टर्स को सीधा प्रभावित करने वाला है – खासकर ज्वैलरी, फुटवियर, टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर।
🧵 1. टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री
भारत का सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र – टेक्सटाइल – इस टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। भारत अमेरिका को बड़े पैमाने पर रेडीमेड कपड़े, लिनेन, और होम टेक्सटाइल एक्सपोर्ट करता है।
🔸 असर:
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भारत के छोटे और मध्यम दर्जी उद्योगों को भारी झटका।
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MSME सेक्टर की नौकरियों पर संकट।
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अमेरिकी मार्केट में प्रतिस्पर्धा घटेगी क्योंकि उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
🔸 निर्यात आँकड़े:
2024-25 में भारत ने $10.2 बिलियन डॉलर के टेक्सटाइल और गारमेंट्स अमेरिका को निर्यात किए।
💍 2. ज्वैलरी और जेम्स सेक्टर
भारत के लिए जेम्स और ज्वैलरी का निर्यात अमेरिका में अत्यधिक लोकप्रिय है, विशेष रूप से सोने-हीरे की ज्वैलरी।
🔸 असर:
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अमेरिकी रिटेल स्टोर्स के लिए भारतीय ज्वैलरी अब महंगी हो जाएगी।
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UAE और थाईलैंड जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
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सूरत और मुंबई के हीरा पॉलिशिंग यूनिट्स को नुकसान।
🔸 निर्यात आँकड़े:
भारत ने अमेरिका को $12.1 बिलियन डॉलर मूल्य की ज्वैलरी निर्यात की थी 2024-25 में।
👟 3. फुटवियर और लेदर प्रोडक्ट्स
फुटवियर और लेदर गुड्स का एक्सपोर्ट हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है, लेकिन ट्रंप के टैरिफ के बाद इसमें गिरावट की संभावना है।
🔸 असर:
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उत्तर प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु के लेदर क्लस्टर्स को बड़ा झटका।
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अमेरिकी रिटेल चेन अब चीन या वियतनाम से खरीदारी की तरफ जा सकती है।
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छोटे कारीगर और शू फैक्ट्रीज पर असर।
📱 4. इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीने
मोबाइल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, और इंडस्ट्रियल मशीनरी का भी एक बड़ा हिस्सा भारत से अमेरिका को जाता है।
🔸 असर:
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अमेरिका में ‘मेक इन इंडिया’ इलेक्ट्रॉनिक्स का प्रवेश महंगा हो जाएगा।
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भारत को साउथ ईस्ट एशिया के देशों से प्रतिस्पर्धा मिलेगी।
🔄 क्या होगा भारतीय एक्सपोर्टर्स का अगला कदम?
भारत के निर्यातकों और सरकार को अब कुछ रणनीतिक कदम उठाने होंगे:
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FTA (Free Trade Agreements):
यूरोप, यूएई, और अफ्रीका जैसे बाजारों के साथ तेजी से FTA साइन कर नए बाजार तलाशना। -
Brand India को प्रमोट करना:
गुणवत्ता और स्टाइल को प्राथमिकता देकर प्रीमियम ब्रांड्स तैयार करना। -
डायवर्सिफिकेशन:
केवल अमेरिका पर निर्भरता कम कर मल्टी-मार्केट स्ट्रैटेजी बनाना।
🇮🇳 सरकार की भूमिका और संभावित जवाब
भारत सरकार फिलहाल स्थिति की निगरानी कर रही है, लेकिन उम्मीद है कि:
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WTO के जरिये कानूनी चुनौती दी जा सकती है।
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रिटैलिएटरी टैरिफ अमेरिका से आयातित लक्ज़री आइटम्स पर लगाया जा सकता है।
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डिप्लोमैटिक डायलॉग के माध्यम से मामले को हल करने का प्रयास हो सकता है।
📉 बाजार पर असर
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शेयर मार्केट में टेक्सटाइल और लेदर कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है।
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निर्यातकों के मन में असमंजस का माहौल है।
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भारत के ट्रेड सरप्लस पर दबाव बढ़ेगा।
ट्रंप के टैरिफ से भारत के लाखों कारीगर, कुटीर उद्योग और MSME सीधे प्रभावित होंगे। अब भारत के लिए समय है कि वह नई रणनीति, नए बाजार और आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़े।
अमेरिका के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखना ज़रूरी है, लेकिन अपने निर्यात को विविध और मजबूत बनाना अब भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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