‘झूठे और निराधार आरोप…’ वोट चोरी विवाद पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दिया करारा जवाब
भारत का चुनावी माहौल हमेशा से गरमागरम बहस और आरोप-प्रत्यारोप का गवाह रहा है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग “वोट चोरों” को बचा रहा है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में तूफान मचा दिया। लेकिन, अब चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए उन्हें “झूठा और निराधार” बताया है।
क्या हुआ?
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर रहा है और चुनाव प्रक्रिया में धांधली हो रही है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का विश्वास लगातार टूट रहा है और आयोग इस पर चुप्पी साधे बैठा है।
राहुल गांधी के अनुसार, कई राज्यों में वोट चोरी और EVM में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं, लेकिन आयोग कार्रवाई करने की बजाय “वोट चोरों” को बचा रहा है।
कब और कहाँ हुआ विवाद?
यह विवाद 10 सितंबर 2025 को उस समय भड़का जब राहुल गांधी ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए सीधे तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग पर हमला बोला।
इसके बाद राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई। भाजपा ने राहुल गांधी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस नेताओं ने उनके बयान का समर्थन किया।
चुनाव आयोग का जवाब
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और प्रेस विज्ञप्ति जारी की।
आयोग ने कहा:
-
राहुल गांधी के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार हैं।
-
चुनाव आयोग हमेशा से स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम करता है।
-
देश में हुए हालिया चुनावों में मतदान प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ संपन्न हुई है।
-
किसी भी तरह की वोट चोरी या EVM से छेड़छाड़ के आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी दल या नेता के पास सबूत हैं, तो उन्हें सार्वजनिक करने के बजाय कानूनी प्रक्रिया के तहत आयोग के पास पेश करना चाहिए।
क्यों बढ़ा विवाद?
-
EVM को लेकर पुराना विवाद:
भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि कई बार मशीनों में गड़बड़ी होती है। -
राजनीतिक माहौल गरम:
2025 के चुनावी सीजन में पहले से ही माहौल गरमा हुआ है। बिहार और मध्य प्रदेश चुनावों से पहले राहुल गांधी का यह बयान चर्चा का विषय बन गया। -
चुनाव आयोग की साख पर सवाल:
राहुल गांधी ने सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त पर सवाल उठाया, जिससे संस्थागत साख को लेकर बहस छिड़ गई।
भाजपा और अन्य दलों की प्रतिक्रिया
-
भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी लगातार हार के डर से चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं।
-
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगर उनके पास सबूत हैं तो कोर्ट में जाएं, लेकिन संस्थाओं को बदनाम करना लोकतंत्र विरोधी है।”
-
वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने जो कहा, वह जनता की आवाज है और आयोग को गंभीरता से जांच करनी चाहिए।
मतदाताओं का नजरिया
सोशल मीडिया पर इस विवाद की खूब चर्चा हो रही है।
-
कुछ लोग राहुल गांधी के बयान से सहमत हैं और कहते हैं कि चुनाव आयोग को और पारदर्शी होना चाहिए।
-
वहीं, बड़ी संख्या में लोग मानते हैं कि राहुल गांधी बिना सबूत आरोप लगाकर जनता का भरोसा कमजोर कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत के लोकतंत्र की नींव चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर टिकी है। राहुल गांधी का आरोप हो या चुनाव आयोग का जवाब – दोनों ही लोकतांत्रिक ढांचे की गंभीरता को दर्शाते हैं।
आयोग ने अपने जवाब में साफ किया है कि वह पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष है। अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी अपने आरोपों को सबूतों के साथ साबित करते हैं या यह विवाद महज़ चुनावी राजनीति का हिस्सा बनकर रह जाएगा।
Sunita Williams ने धरती पर रखा कदम, जानिए उनके इस 9 महीने की अद्वितीय साहस की कहानीHathras का अय्याश प्रोफेसर! 30 से ज्यादा छात्राओं को अपने जाल में फंसायाजस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: नए राष्ट्रपति बने मार्क कार्नीक्या रोहित शर्मा का ये आख़िरी वनडे हैं ? सूत्रों के हवाले से ये बड़ी खबर आ रही हैं Mohammad Shami के एनर्जी ड्रिंक पर बवाल, मौलवी बोले- वो गुनाहगार…अपराधी
theguardian.com thetimes.co.uk theaustralian.com.au












Users Today : 7
Views Today : 11