दिल्ली-यमुना बाढ़: खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना, पंजाब में 37 मौतें, बारिश का नया अलर्ट
दिल्लीवासियों के लिए यमुना नदी एक बार फिर चिंता का सबब बन गई है। लगातार हुई बारिश और उत्तर भारत की नदियों में बढ़े जलस्तर के कारण यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और प्रशासन ने आपात बैठक कर हालात का जायज़ा लिया। चेतावनी जारी की गई है कि अगले 24 घंटे बेहद अहम हो सकते हैं।
कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर चुका है और ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। यमुना के किनारे बसे निचले इलाकों में प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है।
🚨 पंजाब में सबसे ज्यादा तबाही
यमुना के जलस्तर के साथ-साथ पंजाब में बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है। अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। कई जिलों में सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं।
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लुधियाना, पटियाला, और फतेहगढ़ साहिब में सबसे ज्यादा नुकसान की खबरें हैं।
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ग्रामीण और शहरी इलाके दोनों प्रभावित हैं, फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
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प्रशासन ने सेना और NDRF की टीमें तैनात कर दी हैं।
पंजाब सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए राहत राशि और तात्कालिक मदद का ऐलान किया है, लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि लोगों को तत्काल राशन, दवा और सुरक्षित आश्रय की सख्त ज़रूरत है।
☔ मौसम विभाग ने फिर जारी किया बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि अगले 48 घंटे में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में फिर से भारी बारिश हो सकती है।
इससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।
दिल्ली प्रशासन ने यमुना किनारे रहने वालों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और ज़रूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल करें।
🛶 राहत और बचाव कार्य
बचाव टीमों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
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दिल्ली में साइन बोर्ड, सबवे और पुलों के नीचे पानी भर गया है।
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एक तरफ ट्रैफिक जाम है, तो दूसरी ओर कई इलाकों में लोग नावों के सहारे निकल रहे हैं।
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स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
NDRF की टीमें प्रभावित इलाकों में लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित आश्रयों तक पहुंचा रही हैं।
🙏 लोगों की मुश्किलें
बाढ़ ने लोगों का रोज़मर्रा का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
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दुकानदार अपने सामान के खराब होने से परेशान हैं।
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किसानों की फसलें तबाह हो ली हैं।
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शहरों में रोज़गार ठप पड़ गया है।
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अस्पतालों में मरीजों को पहुंचाने तक में दिक्कतें आ रही हैं।
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव शेयर किए हैं। तस्वीरों और वीडियोज़ में साफ दिख रहा है कि गाड़ियां पानी में डूबी हुई हैं और लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हैं।
📰 राजनीतिक हलचल
बाढ़ की इस त्रासदी ने राजनीति को भी गर्म कर दिया है।
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पंजाब विपक्ष ने सरकार पर बाढ़ रोकथाम की तैयारी न करने का आरोप लगाया।
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दिल्ली में विपक्षी दलों का कहना है कि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए।
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केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि हर संभव मदद की जाएगी और नुकसान का आकलन किया जाएगा।
🔎 हालात पर एक नज़र
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दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है।
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हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
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पंजाब में 500 से अधिक गांव प्रभावित हैं।
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अब तक 35 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं, और नुकसान का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
दिल्ली और पंजाब के लोग इस समय एक बड़े संकट से गुजर रहे हैं। बाढ़ और बारिश ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि लोगों की रोज़ी-रोटी पर भी गहरा असर डाला है। प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि हालात पर नज़र है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर राहत और मदद सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
आने वाले 48 घंटे बेहद अहम होंगे। अगर बारिश का दौर नहीं थमा तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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⁃ theguardian.com thetimes.co.uk theaustralian.com.au












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