पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन – कल से शुरू होगा ‘GST बचत उत्सव’
देश की आर्थिक नीतियों और आम लोगों की जेब से जुड़ी एक बड़ी घोषणा सोमवार को सामने आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि कल से पूरे देश में “GST बचत उत्सव” शुरू होने जा रहा है। यह घोषणा GST 2.0 की नई दरों के लागू होने से ठीक पहले की गई। पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम आम उपभोक्ताओं को राहत देने और कारोबारियों को सरल व्यवस्था देने के लिए उठाया गया है।
आइए विस्तार से समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या है, क्यों अहम है और कब लागू होगा।
क्या हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम 8 बजे राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया। उन्होंने ऐलान किया कि कल से यानी 22 सितंबर 2025 से GST 2.0 लागू होगा। इसके तहत कई वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों में कमी की गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बदलाव का फायदा हर वर्ग को मिलेगा –
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आम जनता को जरूरी सामान सस्ता होगा।
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कारोबारियों को कर भुगतान और अनुपालन आसान होगा।
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डिजिटल पेमेंट्स और पारदर्शिता बढ़ेगी।
कब हुआ?
यह संबोधन 21 सितंबर 2025 की रात 8 बजे दिया गया।
नई GST दरें और बचत उत्सव 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगे।
क्यों हुआ?
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि GST 2.0 का मकसद है –
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जनता को राहत देना: महंगाई के दबाव को कम करना और आम लोगों को रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती उपलब्ध कराना।
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व्यापारियों को सुविधा देना: जटिल कर संरचना को आसान बनाना ताकि छोटे और मझोले व्यापारी बिना बोझ के कारोबार कर सकें।
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आर्थिक विकास तेज करना: अधिक उपभोग से बाजार में रौनक लौटेगी और जीडीपी पर सकारात्मक असर होगा।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
संबोधन में पीएम मोदी ने कहा –
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“हमारा उद्देश्य है कि हर भारतीय को बचत का अनुभव हो।”
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“GST 2.0 सिर्फ कर सुधार नहीं, बल्कि ‘बचत का महोत्सव’ है।”
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“यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा पड़ाव है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार छोटे व्यापारियों के लिए विशेष हेल्पलाइन और ई-सेवा केंद्र भी शुरू कर रही है, ताकि उन्हें नई व्यवस्था अपनाने में कोई दिक्कत न हो।
GST 2.0 में क्या बदलाव होंगे?
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खाद्य वस्तुएं सस्ती: दाल, चावल, गेहूं जैसी रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी घटाया गया।
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इलेक्ट्रॉनिक्स पर राहत: मोबाइल फोन और लैपटॉप पर कर दर 18% से घटाकर 12% की गई।
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सर्विस सेक्टर: छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी अनुपालन आसान बनाया गया।
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डिजिटल फोकस: UPI और डिजिटल लेनदेन पर अतिरिक्त छूट दी गई।
असर
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आम जनता: सीधे तौर पर रोजमर्रा की चीजों के दाम कम होंगे, जिससे महंगाई का बोझ घटेगा।
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व्यापारी: कर भरने की प्रक्रिया सरल होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
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अर्थव्यवस्था: खपत बढ़ने से बाजार में नकदी का प्रवाह बेहतर होगा और विकास दर तेज होगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस कदम का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही सवाल भी उठाए। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने यह फैसला चुनावी लाभ के लिए लिया है। वहीं आम आदमी पार्टी और क्षेत्रीय दलों ने इसे आम जनता के हित में ठोस कदम बताया।
पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम यह संबोधन सिर्फ एक आर्थिक घोषणा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है कि सरकार जनता की जेब पर बोझ कम करने के लिए गंभीर है। “GST बचत उत्सव” नाम से इस योजना को आम लोगों तक पहुंचाना एक रणनीतिक कदम है, ताकि इसका असर तुरंत जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में दिखे।
22 सितंबर से शुरू होने वाला यह उत्सव देश में कर सुधारों का नया अध्याय होगा, जो भारत को आत्मनिर्भरता और विकास की राह पर आगे बढ़ाएगा।
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