बरेली हिंसा पर बड़ा एक्शन: मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए
उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले कई दिनों से चल रही हिंसा ने अब बड़ा मोड़ ले लिया है। इस मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। बरेली पुलिस ने अब तक इस मामले में 10 FIR दर्ज की हैं और कई हथियार बरामद किए हैं।
क्या हुआ था बरेली में?
बरेली में कुछ दिन पहले अचानक तनाव भड़क गया। देखते ही देखते यह मामला हिंसा में बदल गया। शहर के अलग-अलग इलाकों में उपद्रवियों ने पथराव किया, आगजनी की और पुलिस बल पर हमला कर दिया। इसके बाद हालात बेकाबू होते देख पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर आ गए।
एसएसपी अनुराग आर्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा किया कि यह हिंसा कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि इसकी साजिश पिछले 7 दिनों से रची जा रही थी। पुलिस ने मौके से चाकू, तमंचे, ब्लेड और पेट्रोल से भरी बोतलें बरामद की हैं।
क्यों गिरफ्तार हुए मौलाना तौकीर रजा?
मौलाना तौकीर रजा पर आरोप है कि उन्होंने इस हिंसा को भड़काने में भूमिका निभाई। पुलिस की जांच में सामने आया कि हिंसा फैलाने वाले लोगों के पीछे मौलाना की कथित तौर पर बड़ी भूमिका थी। इसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया।
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए धारा 147, 148, 149, 307, 120B और आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
कब और कहां हुई हिंसा?
यह हिंसा बरेली के कई संवेदनशील इलाकों में फैली। शुरुआत में यह मामूली विवाद लगा, लेकिन जल्द ही यह भीड़ हिंसक हो गई। पथराव और आगजनी की घटनाओं ने पूरे शहर का माहौल तनावपूर्ण बना दिया। प्रशासन को हालात संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और PAC तैनात करनी पड़ी।
अब तक की पुलिस कार्रवाई
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मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी और जेल भेजना
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10 से ज्यादा FIR दर्ज
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दर्जनों लोगों की पहचान और गिरफ्तारी
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हथियार, पेट्रोल बम, तमंचे और धारदार हथियार बरामद
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ड्रोन और CCTV फुटेज से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है
सरकार और प्रशासन की सख्ती
उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ कहा है कि हिंसा फैलाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि उपद्रवियों की संपत्ति जब्त की जाए और नुकसान की भरपाई उनसे ही करवाई जाए।
जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई लोग सरकार की सख्ती का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग मौलाना की गिरफ्तारी को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। बरेली शहर में फिलहाल शांति बहाल करने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है।
नतीजा
बरेली की हिंसा ने एक बार फिर दिखा दिया कि सुनियोजित तरीके से फैलाए गए उपद्रव कितने बड़े खतरे का कारण बन सकते हैं। मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत इस बात का सबूत है कि पुलिस और प्रशासन इस बार मामले को हल्के में नहीं ले रहे। आने वाले दिनों में जांच से यह साफ होगा कि हिंसा की साजिश के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल थे।
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