विज्ञापन के लिए संपर्क करें

भारत-मालदीव के बीच 4850 करोड़ की डील और 72 सैन्य वाहन सौगात: चीन की बढ़ी टेंशन!

मालदीव modi

भारत-मालदीव के बीच 4850 करोड़ की डील और 72 सैन्य वाहन सौगात: चीन की बढ़ी टेंशन!

भारत और मालदीव की बढ़ती साझेदारी पर चीन की नजरें

दुनिया के राजनैतिक मानचित्र पर एक बार फिर भारत ने अपनी रणनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हालिया मुलाकात ने क्षेत्रीय कूटनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। इस ऐतिहासिक बैठक में 4850 करोड़ रुपये की सहायता, 72 सैन्य वाहन सौंपने, और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत जैसी कई अहम घोषणाएं की गईं। ये सब ऐसे वक्त पर हो रहा है जब चीन मालदीव में अपने पांव जमाने की लगातार कोशिश कर रहा है।


4850 करोड़ की सौगात: आर्थिक मदद से मजबूत होगा मालदीव

भारत सरकार ने मालदीव को 4850 करोड़ रुपये की बड़ी आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। यह सहायता इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, हेल्थकेयर, पर्यटन, और शिक्षा क्षेत्रों में खर्च की जाएगी। यह भारत की ‘Neighbourhood First’ नीति का हिस्सा है, जिसके तहत पड़ोसी देशों को प्राथमिकता दी जाती है।

यह कदम न केवल मालदीव की आर्थिक स्थिति को मजबूती देगा, बल्कि भारत की सॉफ्ट पॉवर डिप्लोमेसी को भी आगे बढ़ाएगा। इससे भारत-मालदीव संबंधों में नई जान आएगी।


सेना को 72 गाड़ियां: सुरक्षा साझेदारी की मिसाल

भारत ने मालदीव की सेना को 72 अत्याधुनिक सैन्य वाहन भी सौंपे हैं। इसमें गश्ती गाड़ियां, ट्रांसपोर्ट ट्रक, और विशेष रक्षा वाहन शामिल हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करता है।

यह मदद खासकर चीन को परेशान कर सकती है, जो मालदीव में अपनी नौसेना गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश में है। भारत का यह कदम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी रणनीतिक पकड़ को और मजबूत करता है।


FTA पर हुई बातचीत: व्यापारिक रिश्तों को नई ऊंचाई

दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी गंभीर बातचीत हुई है। यह समझौता लागू होने पर दोनों देशों के बीच व्यापारिक रुकावटें कम होंगी, और भारत को मालदीव के मार्केट में अधिक प्रवेश मिलेगा।

इससे न केवल मालदीव को भारत से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं मिलेंगी, बल्कि भारतीय कारोबारियों को भी बड़ा बाजार मिलेगा।


सांस्कृतिक जुड़ाव: दिलों को जोड़ने की पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करने पर जोर दिया। भारतीय फिल्मों, योग, और आयुर्वेद को मालदीव में और ज्यादा प्रचारित करने की योजना पर भी बातचीत हुई।

भारत-मालदीव लोगों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध पहले से ही मजबूत रहे हैं, और इस यात्रा ने इसे और भी घनिष्ठ बना दिया।


चीन की बढ़ती बेचैनी: भारत की चाल बनी चुनौती

मालदीव लंबे समय से चीन और भारत के बीच रणनीतिक स्पर्धा का मैदान बना हुआ है। चीन ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के तहत मालदीव में भारी निवेश कर रहा था। लेकिन भारत द्वारा हालिया सहायता और रक्षा सहयोग के चलते चीन की रणनीति को झटका लगा है।

भारत का यह स्पष्ट संदेश है कि वह अपने पड़ोसी देशों को चीन के प्रभाव में नहीं जाने देगा और हर मोर्चे पर तैयार है।


क्षेत्रीय कूटनीति में भारत का बढ़ता वर्चस्व

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू की यह बैठक सिर्फ आर्थिक या सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने और भारत की रणनीतिक बढ़त को दर्शाने वाला कदम है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ एक आर्थिक महाशक्ति है, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी किसी से पीछे नहीं।

Sunita Williams ने धरती पर रखा कदम, जानिए उनके इस 9 महीने की अद्वितीय साहस की कहानीHathras का अय्याश प्रोफेसर! 30 से ज्यादा छात्राओं को अपने जाल में फंसायाजस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: नए राष्ट्रपति बने मार्क कार्नीक्या रोहित शर्मा का ये आख़िरी वनडे हैं ? सूत्रों के हवाले से ये बड़ी खबर आ रही हैं Mohammad Shami के एनर्जी ड्रिंक पर बवाल, मौलवी बोले- वो गुनाहगार…अपराधी


newsviewss
Author: newsviewss

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप हेडलाइंस