भारत में बैन हुए उल्लू और ऑल्ट बालाजी जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स – अश्लील कंटेंट पर सरकार का सख्त एक्शन
📢 अब नहीं चलेगा ‘बोल्ड कंटेंट’ का खेल – भारत सरकार का बड़ा फैसला!
भारत सरकार ने आखिरकार वह कदम उठा ही लिया जिसका अंदेशा लंबे समय से जताया जा रहा था। उल्लू ऐप, ऑल्ट बालाजी, और कुछ अन्य OTT प्लेटफॉर्म्स को भारत में बैन कर दिया गया है। वजह? इन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध अत्यधिक अश्लील और अनरजिस्ट्रेड कंटेंट, जो ना सिर्फ भारतीय संस्कृति के खिलाफ माना जा रहा है, बल्कि कानूनी तौर पर भी आपत्तिजनक था।
📱 क्या है मामला?
पिछले कुछ वर्षों में भारत में OTT प्लेटफॉर्म्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के साथ-साथ कई स्थानीय और स्वतंत्र प्लेटफॉर्म्स ने भी दस्तक दी।
इन्हीं में से कुछ जैसे कि Ullu, Alt Balaji, Kooku, Prime Shots आदि पर बोल्ड और एडल्ट कंटेंट का बोलबाला हो गया। शुरुआत में इन्हें ‘एंटरटेनमेंट’ की कैटेगरी में देखा गया, लेकिन जल्द ही यह ट्रेंड अश्लीलता की सीमाएं पार करने लगा।
सोशल मीडिया, NGO, और कई नागरिकों की शिकायतों के बाद सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाया।

🛑 किन प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन?
सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने यह स्पष्ट किया कि निम्नलिखित OTT प्लेटफॉर्म्स को भारत में तत्काल प्रभाव से बैन किया गया है:
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Ullu App
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Alt Balaji
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Kooku
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Prime Shots
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NueFliks
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अन्य 8 छोटे-छोटे बोल्ड कंटेंट आधारित प्लेटफॉर्म्स
इन सभी पर आरोप है कि वे:
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बिना प्रमाणित वर्गीकरण (Certification) के कंटेंट अपलोड कर रहे थे
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अश्लीलता और महिला अपमान को बढ़ावा दे रहे थे
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बिना किसी एज रेस्ट्रिक्शन के व्यस्क सामग्री दिखा रहे थे
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IT नियम 2021 का उल्लंघन कर रहे थे
⚖️ सरकार का पक्ष: “स्वतंत्रता का मतलब अराजकता नहीं”
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“हम OTT प्लेटफॉर्म्स की क्रिएटिव आज़ादी का सम्मान करते हैं, लेकिन जब ये आज़ादी ‘अभिव्यक्ति’ से हटकर ‘अश्लीलता’ बन जाए, तो कानून को हस्तक्षेप करना ही होगा।”
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई सेंसरशिप का हमला नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदार डिजिटल वातावरण बनाए रखने की कोशिश है।
📉 दर्शकों की प्रतिक्रिया: मिला-जुला रिस्पॉन्स
जहां एक तरफ कुछ दर्शक इस फैसले से खुश हैं और कहते हैं कि ये ‘विकृत मनोरंजन’ बंद होना ही चाहिए था, वहीं कई लोग इसे क्रिएटिविटी पर प्रतिबंध बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस फैसले पर दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ यूजर्स ने तो “#BanOTTObscenity” जैसे ट्रेंड्स भी चलाए, जबकि कुछ क्रिएटर्स ने इसे “डिजिटल सेंसरशिप की शुरुआत” बताया।
📜 कानूनी पक्ष: क्या कहता है कानून?
IT नियम 2021 और भारतीय दंड संहिता की धारा 292/293 के तहत कोई भी प्लेटफॉर्म:
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अश्लील, अपमानजनक या अभद्र सामग्री नहीं दिखा सकता
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18+ कंटेंट के लिए साफ एज वेरिफिकेशन सिस्टम जरूरी है
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सभी कंटेंट को सेल्फ क्लासिफाई और क्लियर डिस्क्लोज़र के साथ पेश करना अनिवार्य है
इन नियमों के उल्लंघन पर सरकार कार्रवाई कर सकती है – जैसा कि अब किया गया है।
🎯 भविष्य की दिशा: क्या OTT कंटेंट अब बदलेगा?
सरकार का यह कदम अब अन्य OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए चेतावनी है कि यदि आप नियमों का पालन नहीं करते, तो बैन का खतरा मंडराता रहेगा।
संभावना है कि आगे:
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सभी प्लेटफॉर्म्स को सरकारी पंजीकरण कराना पड़ेगा
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कंटेंट के लिए एज गेटिंग और वेरिफिकेशन सिस्टम अनिवार्य होगा
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‘बोल्ड कंटेंट’ की जगह कंटेंट क्वालिटी पर ध्यान बढ़ेगा
OTT प्लेटफॉर्म्स मनोरंजन का भविष्य हैं – इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन इस भविष्य में ज़िम्मेदारी और नैतिकता की भूमिका भी उतनी ही अहम है। भारत सरकार का यह कदम शायद देर से आया, लेकिन इससे यह संदेश जरूर गया कि डिजिटल स्पेस भी कानून से परे नहीं है।
अब देखना यह है कि बाकी प्लेटफॉर्म्स इस फैसले से क्या सीखते हैं और भारत में डिजिटल एंटरटेनमेंट का भविष्य किस दिशा में जाता है।
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