मणिपुर पहुंचे पीएम मोदी: हिंसा के बाद पहली बार चुराचांदपुर में बोले – “मणिपुर के नाम में मणि है, जो पूरे नॉर्थ ईस्ट की चमक को आगे ले जाएगा”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार मणिपुर का दौरा किया। यह उनकी पहली यात्रा थी जब से राज्य में जातीय हिंसा भड़की थी। पीएम मोदी चुराचांदपुर पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राज्य में शांति और विकास की दिशा में हरसंभव कदम उठाएगी।
हिंसा की पृष्ठभूमि
मणिपुर पिछले एक साल से लगातार अशांत रहा है। जातीय संघर्ष और हिंसक झड़पों के कारण सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि हज़ारों लोग विस्थापित होकर राहत कैंपों में रहने को मजबूर हुए। इस स्थिति ने न केवल राज्य की आंतरिक शांति को प्रभावित किया बल्कि पूरे नॉर्थ ईस्ट में बेचैनी बढ़ा दी।
राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी यहाँ तनाव बना हुआ है। कई बार सुरक्षा बलों और प्रशासन को बड़े पैमाने पर हिंसा रोकने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। ऐसे माहौल में पीएम मोदी का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
पीएम मोदी का संबोधन
चुराचांदपुर में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा:
“मणिपुर के नाम में ही मणि है। यह राज्य पूरे नॉर्थ ईस्ट की चमक को आगे ले जाने की क्षमता रखता है। हमें मिलकर इस चमक को और उज्जवल बनाना है। हिंसा से किसी को लाभ नहीं होगा, केवल भाईचारे और विकास से ही मणिपुर आगे बढ़ेगा।”
प्रधानमंत्री ने साफ किया कि उनकी सरकार का फोकस सिर्फ और सिर्फ शांति, विश्वास और प्रगति पर है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे हिंसा छोड़कर आपसी सहयोग और सौहार्द को प्राथमिकता दें।
प्रभावित परिवारों से मुलाकात
दौरे के दौरान पीएम मोदी ने उन परिवारों से मुलाकात की, जिन्होंने हिंसा में अपने परिजनों को खोया है। उन्होंने बच्चों, महिलाओं और बुज़ुर्गों से सीधे बात कर उनकी समस्याएँ सुनीं।
केंद्र सरकार की ओर से पुनर्वास पैकेज और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया। साथ ही, राहत कैंपों में रहने वालों के लिए बेहतर सुविधाएँ मुहैया कराने पर भी ज़ोर दिया गया।
सुरक्षा और विकास पर फोकस
पीएम मोदी ने मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य की सुरक्षा स्थिति में सुधार लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इसके साथ ही, उन्होंने कई विकास परियोजनाओं की भी घोषणा की:
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सड़क और रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूत करना
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युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करना
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पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिले
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शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
राजनीतिक संकेत
विशेषज्ञ मानते हैं कि पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ मणिपुर ही नहीं बल्कि पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए एक राजनीतिक संदेश है। चीन और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के बीच यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से अहम है। मोदी सरकार यह दिखाना चाहती है कि नॉर्थ ईस्ट भारत का अभिन्न हिस्सा है और यहाँ के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
आगे की राह
हालाँकि पीएम मोदी का दौरा सकारात्मक संकेत देता है, लेकिन असली चुनौती अभी बाकी है।
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क्या स्थानीय समुदाय आपसी मतभेद छोड़कर शांति बहाल करेंगे?
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क्या राजनीतिक दल इस संवेदनशील मुद्दे पर एकजुट होकर समाधान खोजेंगे?
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और सबसे अहम, क्या आम जनता को सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ मिलेगा?
इन सवालों का जवाब आने वाले महीनों में साफ होगा।
पीएम मोदी का यह दौरा मणिपुर के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है। लंबे समय से हिंसा और अविश्वास के साए में जी रहे लोगों को अब विकास और शांति का भरोसा मिला है।
अगर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस दिशा में गंभीरता से काम करें, तो वाकई मणिपुर अपने नाम की तरह “मणि” यानी अनमोल रत्न बन सकता है, जो पूरे नॉर्थ ईस्ट को चमकदार भविष्य की ओर ले जाएगा
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