“मुझे जान का खतरा” — कोर्ट में बोले राहुल गांधी, महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र कर दी बड़ी अपील
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। मंगलवार को कोर्ट में पेशी के दौरान राहुल गांधी ने साफ शब्दों में कहा —
“मुझे जान का खतरा है। इतिहास को दोहराने न दें।”
उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का उदाहरण देते हुए कोर्ट से अपील की कि उन्हें प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन (पूर्व-निवारक सुरक्षा) दी जाए, ताकि उनकी जान को किसी तरह का खतरा न रहे और केस की सुनवाई निष्पक्ष हो सके।
अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए अगली तारीख 10 सितंबर 2025 तय की है।
क्या कहा राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें पहले भी कई बार धमकियां मिल चुकी हैं, और हालात ऐसे हैं कि उनका डर वाजिब है। कोर्ट में उन्होंने बेहद भावुक अंदाज़ में महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा —
“गांधी जी को भी तब मारा गया जब उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं, लेकिन सिस्टम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मैं चाहता हूँ कि इतिहास खुद को दोहराए नहीं।”
राहुल का इशारा इस बात की ओर था कि राजनीतिक मतभेद और नफ़रत का माहौल कभी-कभी बड़े हादसों में बदल सकता है।
सुरक्षा को लेकर पहले भी जताई चिंता
राहुल गांधी इससे पहले भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जता चुके हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। कई मौकों पर भीड़ के बीच सुरक्षा घेरे के टूटने की घटनाएं सामने आईं।
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार जानबूझकर राहुल गांधी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है, जबकि सरकार का कहना है कि उन्हें SPG की जगह Z+ श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है, जो पर्याप्त है।
कोर्ट में मामला क्या है?
यह मामला एक मानहानि केस से जुड़ा हुआ है, जिसमें राहुल गांधी पर एक बयान के चलते मुकदमा चल रहा है। राहुल ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि जब तक यह केस चले, उनकी सुरक्षा के इंतज़ाम बढ़ाए जाएँ।
राहुल गांधी के वकील ने दलील दी कि इस तरह के मामलों में प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन देना अदालत के अधिकार में है, और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मुकदमे के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
महात्मा गांधी की हत्या का संदर्भ
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने की थी। गोडसे को पहले से ही गांधी जी की विचारधारा से नाराज़गी थी और उसने कई बार उनके खिलाफ बयान दिए थे।
राहुल गांधी ने इस ऐतिहासिक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर उस समय पर्याप्त सुरक्षा और सतर्कता बरती गई होती, तो शायद इतिहास अलग होता।
“मैं नहीं चाहता कि मेरे साथ वैसा ही हो जैसा गांधी जी के साथ हुआ। यह सिर्फ मेरी जान की बात नहीं है, यह लोकतंत्र की रक्षा का मामला है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के बयान पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया आई है।
-
कांग्रेस नेताओं ने इसे गंभीर चेतावनी बताते हुए कहा कि राहुल गांधी की सुरक्षा में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-
बीजेपी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी अदालत में सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं और राजनीतिक मुद्दे को सुरक्षा के साथ जोड़ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा
राहुल गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। ट्विटर (X) पर #RahulGandhi और #PreventiveProtection ट्रेंड करने लगे हैं।
कई लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं।
अगली सुनवाई
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 को तय की है। तब तक यह देखना होगा कि क्या राहुल गांधी को प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन मिलती है या नहीं।
राहुल गांधी का यह बयान सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा की चिंता नहीं दिखाता, बल्कि यह भी इंगित करता है कि राजनीतिक माहौल में बढ़ती नफ़रत और कटुता किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। महात्मा गांधी का उदाहरण देकर उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया कि लोकतंत्र में असहमति को हिंसा में बदलने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
Sunita Williams ने धरती पर रखा कदम, जानिए उनके इस 9 महीने की अद्वितीय साहस की कहानीHathras का अय्याश प्रोफेसर! 30 से ज्यादा छात्राओं को अपने जाल में फंसायाजस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: नए राष्ट्रपति बने मार्क कार्नीक्या रोहित शर्मा का ये आख़िरी वनडे हैं ? सूत्रों के हवाले से ये बड़ी खबर आ रही हैं Mohammad Shami के एनर्जी ड्रिंक पर बवाल, मौलवी बोले- वो गुनाहगार…अपराधी
theguardian.com thetimes.co.uk theaustralian.com.au












Users Today : 9
Views Today : 13