अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने ब्रिक्स (BRICS) देशों के संगठन पर जोरदार हमला किया। ट्रंप का कहना है कि उनकी “टैरिफ वाली धमकी” के बाद BRICS देशों के बीच दरारें आ गईं और यह संगठन अब पहले जैसा प्रभावी नहीं रह गया। इस बयान ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। तो क्या सच में ट्रंप की धमकियों का BRICS पर असर पड़ा, या फिर इसके पीछे कुछ और कारण हैं? आइए जानते हैं इस मुद्दे को विस्तार से।
BRICS क्या है?
BRICS एक आर्थिक संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यह संगठन विश्व की प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है और विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण आर्थिक ताकत बनकर उभरा है। BRICS का मुख्य उद्देश्य वैश्विक व्यापार और वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना है, और यह समूह अंतरराष्ट्रीय मंच पर संयुक्त रूप से अपने सदस्य देशों के हितों का समर्थन करता है।
ट्रंप का बयान और BRICS पर प्रभाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में एक साक्षात्कार में दावा किया कि BRICS का संगठन उनकी “टैरिफ धमकियों” के कारण कमजोर पड़ा है। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने अमेरिका की व्यापार नीति के तहत कई देशों के साथ उच्च टैरिफ (सुरक्षा शुल्क) लागू किए थे, जिससे BRICS देशों के बीच तनाव पैदा हुआ और उनका सहयोग कमजोर पड़ा।
ट्रंप ने यह भी कहा कि जब उन्होंने चीन, ब्राजील और अन्य BRICS देशों पर व्यापार शुल्क बढ़ाया, तो इन देशों के बीच दरारें पैदा हो गईं, क्योंकि हर देश अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना चाहता था। उनका यह दावा है कि BRICS देशों के बीच अब पहले जैसी एकजुटता और सहयोग नहीं रहा।
ट्रंप के टैरिफ और वैश्विक व्यापार पर प्रभाव
2018 में जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे, तो उन्होंने अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए कई देशों के साथ उच्च टैरिफ (सुरक्षा शुल्क) लागू किए थे। इनमें से प्रमुख देश चीन था, जो ट्रंप प्रशासन के निशाने पर था। ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर 25% तक के टैरिफ लगाए थे, जिससे चीन और अन्य देशों के साथ व्यापार युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
इन टैरिफों का BRICS देशों पर भी प्रभाव पड़ा। उदाहरण के लिए, चीन जो BRICS का एक प्रमुख सदस्य है, उसने ट्रंप के व्यापार युद्ध के दौरान भारी व्यापार शुल्क का सामना किया। इसके परिणामस्वरूप, BRICS देशों में व्यापार और आर्थिक सहयोग में गिरावट आई और इन देशों ने एक-दूसरे के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को पुनः विचार किया।
BRICS का मौजूदा हाल और प्रतिक्रिया
- चीन और भारत: चीन और भारत के रिश्ते पिछले कुछ सालों में तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर सीमा विवाद और व्यापारिक मुद्दों के कारण। ट्रंप के टैरिफ नीति के कारण भी इन दोनों देशों के बीच कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, हालांकि दोनों देशों ने आपसी सहयोग को बढ़ाने की दिशा में काम किया है।
- ब्राजील और रूस: ब्राजील और रूस भी अमेरिका के व्यापारिक कदमों से प्रभावित हुए हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने ट्रंप के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखे थे, जबकि रूस के साथ व्यापार युद्ध ने उनके राष्ट्रीय हितों को प्रभावित किया।
- दक्षिण अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका BRICS का एक छोटा सदस्य है, लेकिन उसे भी ट्रंप की व्यापार नीति से काफी नुकसान हुआ। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी व्यापार नीति में बदलाव किए और BRICS के अन्य सदस्य देशों के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश की।
क्या BRICS टूट गया है?
हालांकि ट्रंप के टैरिफों के कारण BRICS देशों के बीच कुछ दरारें पड़ीं, लेकिन यह कहना कि BRICS टूट चुका है, सही नहीं होगा। BRICS अब भी वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण संगठन है और इसके सदस्य देश एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
- चीन और भारत ने BRICS के तहत आपसी व्यापार बढ़ाने की दिशा में काम किया है।
- ब्राजील और रूस ने भी BRICS के अंदर सहयोग बढ़ाने के प्रयास किए हैं, विशेष रूप से कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों में।
- दक्षिण अफ्रीका ने भी इस संगठन का हिस्सा बने रहते हुए अपने आर्थिक विकास को बढ़ाने का प्रयास किया है।
क्या भविष्य में BRICS का भविष्य खतरे में है?
यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या BRICS भविष्य में एकजुट रह पाएगा या नहीं। ट्रंप की व्यापारिक नीतियों ने इस संगठन को एक चुनौती जरूर दी है, लेकिन BRICS देशों का आर्थिक महत्व और वैश्विक मंच पर उनकी भूमिका इसे टूटने से रोक सकती है। इसके बावजूद, यदि ट्रंप की तरह के निर्णयों से कोई और बड़ा विवाद पैदा होता है, तो BRICS देशों के बीच एकता को और अधिक खतरा हो सकता है।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह दावा कि उनकी “टैरिफ धमकियों” के बाद BRICS टूट गया, पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता। हालांकि, ट्रंप के व्यापारिक कदमों ने BRICS देशों के बीच कुछ तनाव पैदा किया, लेकिन यह संगठन अभी भी वैश्विक मंच पर मजबूत है। BRICS देशों ने अपनी आर्थिक स्थिति और आपसी सहयोग को बनाए रखने के लिए प्रयास जारी रखे हैं। भविष्य में BRICS की सफलता और एकजुटता इस बात पर निर्भर करेगी कि ये देश एक-दूसरे के साथ किस तरह से सहयोग करते हैं और वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हैं।
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