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रूस हमारा समय पर सच्चे साथी की तरह खड़ा रहा है — ट्रंप की ‘जुर्माना’ धमकी पर विदेश मंत्रालय का दो-टूक जवाब

ट्रंप की ‘जुर्माना’ धमकी पर विदेश मंत्रालय का दो-टूक जवाब

“रूस समय की कसौटी पर खरा साथी है” — ट्रंप की ‘जुर्माना’ धमकी पर विदेश मंत्रालय का दो-टूक जवाब


🌐 एक नज़र में मुद्दा

अमेरिकी पूर्व-राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 % टैरिफ और “अतिरिक्त जुर्माने” की घोषणा कर दी है।

रूस की साझेदारी पर उठी अंगुली का जवाब MEA ने एक पंक्ति में दे दिया— “वह साथी जिसने समय की कसौटी पर साथ निभाया, वही असली मित्र है।”

अब गेंद अमेरिका के पाले में है—क्या वह ‘टैरिफ-मुस्कट’ दबाव से भारत को झुका पाएगा या रणनीतिक साझेदारी की बड़ी तस्वीर देखेगा? वजहें—

  1. भारतीय टैरिफ़ “बहुत ऊँचे” बताने का आरोप

  2. रूस से तेल व हथियार खरीद पर कड़ी आपत्ति

ट्रंप के इस ‘दंडात्मक’ ऐलान पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने दो टूक कहा—

“भारत अपनी रक्षा और ऊर्जा ज़रूरतों पर स्वतंत्र रणनीतिक आकलन करता है। रूस हमारा समय-परीक्षित (time-tested) पार्टनर है।”


🔑 MEA ने किन बिंदुओं पर रोशनी डाली?

बिंदु MEA का व्यावहारिक रुख
राष्ट्रीय सुरक्षा हथियार खरीद के फ़ैसले किसी बाहरी दबाव से नहीं, बल्कि थल-नभ-जल सुरक्षा जरूरतों से तय होंगे।
ऊर्जा सुरक्षा तेल सोर्सिंग ‘बाजार और रियायत’ आधारित रहेगी; रूस से आयात अधिग्रहण विकल्प है, न राजनीतिक स्टेटमेंट।
रणनीतिक स्वायत्तता भारत ‘क्वाड’ और ‘ब्रिक्स’ दोनों में सक्रिय है; बहुध्रुवीय दुनिया में नॉन-एलाइन रहते हुए “मित्रता के कई केंद्र” बनाता है।

🏛️ ट्रंप का आरोप — “भारत ने व्यापार घाटा बढ़ाया”

ट्रंप ने Truth Social पर लिखा कि भारत “दोस्त” है, लेकिन “अत्यधिक टैरिफ और रूसी तेल-डील” की वजह से अमेरिका को घाटा उठाना पड़ रहा है।

“25% टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे… और रूस से सौदों पर ‘अतिरिक्त पेनल्टी’ भी।”

यह धमकी ऐसे समय आई जब दोनों देशों के बीच मुक्त-व्यापार समझौते की महीनों से चल रही वार्ता रुकी हुई है।

ट्रम्प ने दी भारत को धमकी लगेगा 500% टैरिफ
ट्रम्प ने दी भारत को धमकी लगेगा 500% टैरिफ

🇷🇺 भारत-रूस रिश्ते: “कूटनीति से कहीं आगे”

  1. ऊर्जा लाइफ़लाइन — डिस्काउंटेड उराल क्रूड से महंगाई नियंत्रण में मदद।

  2. रक्षा आपूर्ति — S-400, ब्रह्मोस, AK-203 जैसी परियोजनाएँ उत्पादन चरण में।

  3. स्पेस-टेक — गगनयान के क्रू ट्रेनिंग से लेकर संयुक्त उपग्रह लॉन्च।

MEA ने स्पष्ट किया कि रूस ने “हर संकट में साथ दिया”, चाहे 1971 का युद्ध हो या हालिया वैक्सीन सपोर्ट।

modi-russia
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📉 क्या वाकई 25 % टैरिफ से भारत डरेगा?

  • एक्सपोर्ट हिट: टेक्सटाइल, जेम-ज्वेलरी, आई-फोन असेंबली यूनिट्स पर मार।

  • डाइवर्सिफ़िकेशन का मौका: यूरोप, अफ़्रीका, लैट-एम में वैकल्पिक बाज़ार खोजने की नीति पहले से एक्टिव।

  • मैन्युफ़ैक्चरिंग पुश: ‘PLI’ योजनाएँ विदेशी निर्भरता घटा रही हैं; घरेलू वैल्यू-चेन सशक्त।


🔍 विश्लेषण: ट्रंप की रणनीति — ‘डील-मेकिंग’ या चुनावी कार्ड?

पहलू संभव उद्देश्य
चुनावी बयानबाज़ी ‘America First’ आधार वोट को संदेश।
धंधा बनाम डिफेंस भारत को रूस-काटो, US-हथियार खरीदो का दबाव।
भावी सौदेबाज़ी ऊँची माँग रखो, वार्ता में रियायत दो—ट्रंप का पुराना पैटर्न।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप 2018-19 की तरह ‘टैरिफ लगा कर फिर रियायत’ मॉडल दोहरा सकते हैं। पर इस बार भारत दोहरे दबाव—रूस युद्ध व इंडो-पैसिफ़िक तनाव—के बीच संतुलन साध रहा है।


🗣️ विपक्ष और उद्योग जगत की आवाज़

  • उद्योग मंडल (CII/FICCI): “टैरिफ से $8 बिलियन एक्सपोर्ट जोखिम में।”

  • विपक्ष: “मोदी सरकार अमेरिका से संबंध क्यों बिगड़ने दे रही है?”

  • रणनीतिक विश्लेषक: “भारत को क्वाड व रूस दोनों को साधना होगा; यह टालने नहीं, मैनेज करने की कूटनीति है।”


🚦 आगे क्या?

  1. वार्ता की टेबल: वाणिज्य मंत्रालय ‘reciprocity’ प्रस्ताव के साथ USTR से संपर्क करेगा।

  2. रुपईया-रूबल सेटलमेंट: रूस से आयात को डॉलर-रिस्क से बचाने की कोशिश।

  3. ऊर्जा-स्रोतों का मिक्स: MEA और पेट्रोलियम मंत्रालय वैकल्पिक सप्लायर (सऊदी, यूएस LNG) पर काम कर रहे।

  4. डिजिटल करार: सेमीकंडक्टर और 5G में अमेरिका को साझेदार बनाकर बैंस बाक़ी प्रेशर कम किया जा सकता है।

ट्रंप की टैरिफ धमकी ने एक बार फिर साबित किया कि वैश्विक राजनीति में स्थायी मित्र या शत्रु नहीं, बल्कि स्थायी हित होते हैं। भारत ने साफ कर दिया—

राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा ज़रूरतें किसी भी ट्वीट-डिप्लोमैसी से नहीं, हमारे स्वतंत्र निर्णय से निर्धारित होंगी।”

रूस की साझेदारी पर उठी अंगुली का जवाब MEA ने एक पंक्ति में दे दिया— “वह साथी जिसने समय की कसौटी पर साथ निभाया, वही असली मित्र है।”

अब गेंद अमेरिका के पाले में है—क्या वह ‘टैरिफ-मुस्कट’ दबाव से भारत को झुका पाएगा या रणनीतिक साझेदारी की बड़ी तस्वीर देखेगा?

 


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Author: newsviewss

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