लद्दाख में छात्रों का उग्र प्रदर्शन: पूर्ण राज्य की मांग पर बवाल, CRPF की गाड़ी फूंकी
Leh Students Protest 2025: लद्दाख में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। लेह की सड़कों पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जब Gen-Z युवाओं ने पूर्ण राज्य की मांग और लद्दाख के पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद की। यह विरोध प्रदर्शन पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में किया गया, जिनका हाल ही में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन सुर्खियों में रहा।
क्या हुआ?
शनिवार दोपहर लेह शहर में सैकड़ों छात्र और स्थानीय लोग सड़कों पर उतरे। शुरुआत में यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। छात्र हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे थे। वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, रोजगार की सुरक्षा और क्षेत्र की पारिस्थितिकी को बचाने की मांग कर रहे थे।
लेकिन अचानक माहौल बिगड़ गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। हालात उस समय गंभीर हो गए जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने CRPF की गाड़ी में आग लगा दी। इसके बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी फैल गई।
क्यों हुआ प्रदर्शन?
लद्दाख के लोग लंबे समय से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
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छात्रों और स्थानीय संगठनों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने क्षेत्र को जनजातीय सुरक्षा और रोजगार गारंटी के वादों के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
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पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लगातार लद्दाख की पारिस्थितिकी, हिमनदों के पिघलने और भूमि अधिकारों पर आवाज उठा रहे हैं।
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युवाओं का मानना है कि अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए लद्दाख का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
कब और कैसे भड़का विवाद?
यह घटना शनिवार, 24 सितंबर 2025 की है। सुबह से ही लेह की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो रही थी। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए, लेकिन छात्र बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़े।
करीब दोपहर 2 बजे, भीड़ और पुलिस आमने-सामने हो गए। इस दौरान पथराव और लाठीचार्ज हुआ। हालात बेकाबू होते देख CRPF की टीम को बुलाया गया। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने गुस्से में एक CRPF वाहन में आग लगा दी।
किसने क्या कहा?
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सोनम वांगचुक ने ट्वीट कर कहा: “लद्दाख की मांगें जायज हैं, हिंसा से नुकसान केवल जनता का होगा। सरकार को अब जागना होगा।”
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स्थानीय छात्र संघ का कहना है कि यह आंदोलन केवल शुरुआत है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, विरोध जारी रहेगा।
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पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कई छात्रों को हिरासत में लिया गया है और हालात को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
माहौल और असर
झड़प के बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं आंशिक रूप से बंद कर दी गईं। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को संवेदनशील घोषित कर दिया।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अचानक हुई हिंसा से माहौल डरावना हो गया और लोग घरों में कैद हो गए।
इस प्रदर्शन का असर केवल लेह तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया पर #LadakhProtest और #StatehoodForLadakh ट्रेंड कर रहे हैं। देशभर के छात्र संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने लद्दाख के युवाओं का समर्थन जताया है।
आगे क्या?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो लद्दाख में असंतोष और भड़क सकता है।
संभावना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद तक पहुंचेगा। विपक्ष पहले से ही लद्दाख को लेकर सरकार पर हमलावर है।
लद्दाख का आंदोलन केवल राज्य की मांग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं के भविष्य, रोजगार और पर्यावरण सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। लेह में छात्रों और पुलिस की झड़प ने सरकार को संकेत दे दिया है कि अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
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