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वोट चोरी पर राहुल गांधी के आरोप और शरद पवार की प्रतिक्रिया: लोकतंत्र में पारदर्शिता पर उठे बड़े सवाल

वोट चोरी पर राहुल गांधी के आरोप और शरद पवार की प्रतिक्रिया

वोट चोरी पर राहुल गांधी के आरोप और शरद पवार की प्रतिक्रिया: लोकतंत्र में पारदर्शिता पर उठे बड़े सवाल

Sharad Pawar On Vote Chori Allegations: देश की राजनीति इस समय एक नए विवाद के बीच खड़ी है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस और संसद दोनों जगह यह आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष मिलकर वोट चोरी की घटनाओं को दबा रहे हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी। वहीं अब इस पूरे मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है।


क्या हुआ?

राहुल गांधी ने संसद में खड़े होकर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग वोट चोरों को बचा रहा है और चुनावी प्रक्रिया में धांधली की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की नींव को इस तरह कमजोर नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान के तुरंत बाद विपक्षी खेमे ने सरकार पर निशाना साधा और चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की।

इसी बीच, शरद पवार ने एक प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“लोकसभा में विपक्ष के नेता ने जब इतना गंभीर मुद्दा संसद में उठाया था, तो संबंधित संस्था को इसका संज्ञान लेना चाहिए था। लेकिन यह अच्छी बात नहीं है कि लोकतंत्र पर लगातार ऐसे सवाल खड़े हों।”


कब हुआ?

यह पूरा विवाद 23 सितंबर 2025 को तब सामने आया जब राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद 24 सितंबर को संसद में भी उन्होंने यही मुद्दा उठाया। 25 सितंबर को शरद पवार का बयान आया, जिसने इस विवाद को और गहरा कर दिया।


क्यों हुआ विवाद?

इस विवाद की जड़ राहुल गांधी का आरोप है कि वोट चोरी संगठित तरीके से हो रही है और चुनाव आयोग इस पर कार्रवाई करने में विफल रहा है।

  • विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र की पारदर्शिता दांव पर लगी है।

  • वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि राहुल गांधी का आरोप निराधार है और यह जनादेश को बदनाम करने की कोशिश है।

शरद पवार का बयान इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि वह भारतीय राजनीति के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं और उनकी राय को विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों गंभीरता से लेते हैं।


शरद पवार ने क्या कहा?

  • लोकतंत्र की पारदर्शिता सबसे जरूरी है।

  • राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता जब गंभीर मुद्दा उठाते हैं, तो संसद और संबंधित संस्थाओं को जवाबदेह होना चाहिए।

  • हर आरोप की निष्पक्ष जांच जरूरी है, ताकि जनता का विश्वास लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बना रहे।


आगे क्या होगा?

  1. जांच की मांग तेज होगी – राहुल गांधी और विपक्षी दल चुनाव आयोग से औपचारिक जांच की मांग कर सकते हैं।

  2. सत्ता पक्ष का पलटवार – भाजपा और उसके सहयोगी दल राहुल गांधी पर संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाकर जवाब देंगे।

  3. जनता में बहस – यह विवाद आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बनेगा कि चुनावी प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है।


राहुल गांधी के आरोपों और शरद पवार की प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया है कि वोट चोरी का मुद्दा केवल एक बयानबाजी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद से जुड़ा सवाल है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है और विपक्ष इस मुद्दे को किस स्तर तक ले जाता है।


 

 

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Author: newsviewss

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