‘सबसे बड़ा दुश्मन निर्भरता’ – PM मोदी का ट्रंप को सीधा संदेश, गुजरात के भावनगर से दिया बड़ा संदेश
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और वीजा नीतियों पर चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के भावनगर में एक बड़ा संदेश दिया। ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने 34,200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि “भारत का सबसे बड़ा दुश्मन निर्भरता है, और आत्मनिर्भरता ही हमारी ताकत है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ (शुल्क) विवाद और H-1B वीजा नीति में बदलाव जैसी चुनौतियाँ गहराई से छाई हुई हैं। आइए समझते हैं कि आखिर क्या हुआ, कब हुआ और क्यों हुआ।

क्या हुआ?
भावनगर में आयोजित ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक साथ कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें बंदरगाह विकास, मरीन क्लस्टर, सड़क और रेलवे कनेक्टिविटी, और इंडस्ट्रियल पार्क जैसी परियोजनाएं शामिल थीं।
मोदी ने कहा कि गुजरात हमेशा से देश की आर्थिक प्रगति का इंजन रहा है और अब यह आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बनेगा। उन्होंने खास तौर पर अमेरिका को लेकर कहा कि भारत किसी पर निर्भर रहकर प्रगति नहीं कर सकता, हमें खुद अपने रास्ते बनाने होंगे।
कब हुआ?
यह कार्यक्रम रविवार, 21 सितंबर 2025 को गुजरात के भावनगर में आयोजित हुआ। यह वही समय था जब भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक नीतियों और H-1B वीजा को लेकर कड़वाहट बढ़ी हुई है।
क्यों हुआ?
इस बयान की पृष्ठभूमि में दो बड़ी वजहें हैं:
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टैरिफ विवाद:
अमेरिका ने भारत से आयातित स्टील, एल्युमिनियम और अन्य उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। जवाब में भारत ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया है। इस व्यापार युद्ध ने दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में तनाव ला दिया है। -
H-1B वीजा संकट:
अमेरिका ने भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए H-1B वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है। इससे लाखों भारतीय पेशेवर प्रभावित हो रहे हैं। पीएम मोदी का बयान इस मुद्दे पर भारत की नाराजगी और आत्मनिर्भरता पर भरोसे को दिखाता है।
पीएम मोदी का सीधा संदेश
मोदी ने अपने संबोधन में कहा:
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“भारत का सबसे बड़ा दुश्मन निर्भरता है।”
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“हमारे लिए आत्मनिर्भरता सिर्फ नारा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य है।”
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“समुद्र हमें अवसर देता है, और हम उसी से अपनी समृद्धि का मार्ग बनाएंगे।”
यह स्पष्ट संकेत था कि भारत अब अमेरिका या किसी अन्य देश की नीतियों पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि खुद अपने दम पर आर्थिक और तकनीकी शक्ति बनेगा।
असर और राजनीतिक हलचल
पीएम मोदी के बयान ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी।
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भारत में: विपक्ष ने कहा कि सरकार अमेरिका के दबाव में झुक रही है, जबकि बीजेपी नेताओं ने मोदी को “आत्मनिर्भर भारत के योद्धा” करार दिया।
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अमेरिका में: ट्रंप प्रशासन ने इस बयान को भारत की ‘सख्त चेतावनी’ माना, लेकिन आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी बाकी है।
आत्मनिर्भर भारत और गुजरात की भूमिका
गुजरात हमेशा से भारत के व्यापार और उद्योग का केंद्र रहा है। भावनगर, कांडला, मुंद्रा जैसे बंदरगाह देश के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में गिने जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इन बंदरगाहों को आधुनिक तकनीक और वैश्विक मानकों पर विकसित किया जाएगा ताकि भारत किसी भी देश पर निर्भर न रहे।
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे विवाद के बीच पीएम मोदी का यह बयान सिर्फ ट्रंप को संदेश नहीं था, बल्कि पूरे विश्व को यह संकेत था कि भारत आत्मनिर्भरता की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम से यह भी साफ हो गया है कि गुजरात आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत का केंद्र बनेगा।
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