सरकार ने वापस लिया इनकम टैक्स बिल 2025, अब 11 अगस्त को होगा पेश – क्या टैक्स स्लैब में भी होंगे बड़े बदलाव?
भारत में करदाताओं के लिए एक बड़ी खबर आई है। केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स बिल 2025 का मौजूदा ड्राफ्ट वापस ले लिया है और अब इसका अपडेटेड वर्जन 11 अगस्त 2025 को पेश किया जाएगा। इस फैसले ने टैक्सपेयर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कॉरपोरेट सेक्टर में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह बदलाव टैक्स स्लैब और टैक्सेशन सिस्टम को सीधे प्रभावित कर सकता है।
नए बिल को वापस लेने की वजह
सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा इनकम टैक्स बिल 2025 में कुछ ऐसे प्रावधान थे जिनकी भाषा जटिल थी और उनमें कई पुराने व अप्रासंगिक क्लॉज बने हुए थे। सरकार चाहती है कि यह बिल आधुनिक, स्पष्ट और आसान भाषा में हो, ताकि आम करदाता भी इसे आसानी से समझ सके।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार—
“नया बिल न केवल टैक्सेशन को आसान बनाएगा बल्कि करदाताओं के लिए पारदर्शिता भी लाएगा। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह टैक्स विशेषज्ञ हो या आम नागरिक, बिना भ्रम के बिल को समझ सके।”
सरकार ने वापस लिया इनकम टैक्स बिल 2025
क्या टैक्स स्लैब में होंगे बदलाव?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 11 अगस्त को पेश होने वाले बिल में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव होगा? हालांकि सरकार ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन चर्चाएं हैं कि मिडल-क्लास को राहत देने के लिए स्लैब में छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है।
संभावित बदलावों पर अटकलें:
बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख से बढ़कर 3 लाख हो सकती है।
नए टैक्स रेजीम में टैक्स दरें और भी कम हो सकती हैं।
सीनियर सिटीज़न के लिए अलग और अधिक राहत वाली स्लैब बनाई जा सकती है।
भाषा और प्रावधानों में बड़े सुधार
सरकार चाहती है कि बिल में पुराने और अब अप्रासंगिक टैक्स कानूनों को पूरी तरह हटा दिया जाए। साथ ही, डिजिटल इकोनॉमी और नए बिजनेस मॉडल जैसे क्रिप्टोकरेंसी, ई-कॉमर्स और गिग वर्क पर टैक्सेशन को भी स्पष्ट किया जाएगा।
मुख्य सुधार:
कठिन अंग्रेजी और कानूनी भाषा की जगह आसान हिंदी और अंग्रेजी में प्रावधान
बेवजह के जटिल फॉर्म और प्रोसेस को खत्म करना
सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन और फास्ट-ट्रैक बनाना
क्यों है यह बिल अहम?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 से लागू है और समय-समय पर इसमें संशोधन होते रहे हैं। लेकिन अब पहली बार सरकार एक पूर्ण रूप से नया और सरल इनकम टैक्स बिल लाने की तैयारी में है। इसका सीधा असर देश के लगभग हर सैलरी पाने वाले कर्मचारी, बिजनेस ओनर और निवेशक पर पड़ेगा।
टैक्सपेयर्स की उम्मीदें
मिडल-क्लास राहत: महंगाई के दौर में टैक्स बोझ कम होना चाहिए
निवेश प्रोत्साहन: PF, LIC, ELSS जैसे निवेशों पर अधिक टैक्स लाभ
सिंपल प्रोसेस: कम डॉक्यूमेंटेशन और आसान ई-फाइलिंग सिस्टम
11 अगस्त – सबकी नजरें
अब सभी की निगाहें 11 अगस्त को संसद में पेश होने वाले नए इनकम टैक्स बिल पर हैं। यह सिर्फ एक टैक्स बिल नहीं, बल्कि भारत के टैक्सेशन सिस्टम में एक बड़े बदलाव की दिशा में कदम हो सकता है।
अगर टैक्स स्लैब में राहत मिलती है, तो यह मिडल-क्लास और बिजनेस कम्युनिटी दोनों के लिए फायदेमंद होगा। वहीं, सरकार को भी उम्मीद है कि टैक्स बेस बढ़ने से राजस्व में इजाफा होगा।
इनकम टैक्स बिल 2025 का अपडेटेड वर्जन करदाताओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। आसान भाषा, पारदर्शिता और संभवतः टैक्स राहत—ये तीनों बातें इसे खास बनाती हैं। 11 अगस्त का दिन इस साल की सबसे बड़ी वित्तीय घोषणाओं में से एक बन सकता है। भारत में करदाताओं के लिए एक बड़ी खबर आई है। केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स बिल 2025 का मौजूदा ड्राफ्ट वापस ले लिया है और अब इसका अपडेटेड वर्जन 11 अगस्त 2025 को पेश किया जाएगा। इस फैसले ने टैक्सपेयर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कॉरपोरेट सेक्टर में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह बदलाव टैक्स स्लैब और टैक्सेशन सिस्टम को सीधे प्रभावित कर सकता है।
सरकार ने वापस लिया इनकम टैक्स बिल 2025, अब 11 अगस्त को होगा पेश – क्या टैक्स स्लैब में भी होंगे बड़े बदलाव?