सावन सोमवार 2025 : भोलेनाथ की भक्ति में डूबा देश, जानें पूजा विधि, जलाभिषेक, व्रत के नियम और महत्व
🌿 भोलेनाथ का महीना शुरू हो गया है… और आज है सावन का पहला सोमवार!
14 जुलाई 2025 को सावन का शुभारंभ भारत के हर कोने में शिवभक्ति की गूंज के साथ हुआ है। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। कहीं कांवड़िए “बोल बम” के नारों के साथ जल लेकर बढ़ रहे हैं तो कहीं महिलाएं बेलपत्र लेकर शिवालयों की ओर चल रही हैं। सावन का पहला सोमवार सिर्फ एक दिन नहीं, यह एक संकल्प है — आत्मशुद्धि का, आस्था का और ईश्वर में पूर्ण विश्वास का।
🛕 श्रावण सोमवार का महत्व
श्रावण मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को शिवजी ने इसी महीने में ग्रहण किया था। इसलिए यह महीना भक्तों के लिए शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम समय होता है।
सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखना विशेष फलदायी माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
🪔 पूजा विधि: ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न
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प्रभात में स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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शिवलिंग पर गंगाजल या ताजे जल से जलाभिषेक करें।
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दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत अभिषेक करें।
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बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, चंदन, भस्म अर्पित करें।
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“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए आरती और ध्यान करें।
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प्रसाद में साबूदाने की खीर, फल और सूखा मेवा चढ़ाएं।
🧘♂️ व्रत के नियम – क्या करें, क्या न करें?
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व्रतधारी को सात्विक जीवनशैली अपनानी चाहिए।
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उपवास के दिन नमक रहित फलाहार या सिर्फ जल व फल लें।
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झूठ, क्रोध, छल-कपट से दूरी बनाएं।
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दिनभर मंत्रजप और शिव स्तुति में मन लगाएं।
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किसी प्रकार की हिंसा, निंदा या आलोचना से बचें।
📍 देशभर में श्रद्धा का माहौल
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काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन।
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महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में विशेष भस्म आरती।
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देवघर में कांवड़ियों की विशाल भीड़ और सुरक्षा के खास इंतज़ाम।
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दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर जैसे शहरों में शिवालय सज चुके हैं।
🧎♀️ भक्तों की अनुभूति
इस दिन कई भक्तों का कहना है कि उन्हें एक अलग ही आत्मिक शांति का अनुभव होता है। भोलेनाथ की आराधना से मन का भय, चिंता, असमंजस सब कुछ समाप्त हो जाता है। व्रत के बाद प्रसाद ग्रहण कर भक्त अपने जीवन को नई ऊर्जा से भरते हैं।
💬 मेरे शब्दों में सावन
सावन सिर्फ त्योहार नहीं, वो एहसास है, जब हर बूंद शिव की कृपा लगती है। जब हर बेलपत्र पर जीवन की कामनाएं अंकित होती हैं। जब “ॐ नमः शिवाय” सिर्फ मंत्र नहीं, बल्कि आत्मा की आवाज़ बन जाती है।
सावन का पहला सोमवार एक शुभ शुरुआत है। एक ऐसा अवसर जहां शरीर, मन और आत्मा तीनों शिव की ओर झुकते हैं। आइए इस सावन हम भी भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाएं और अपने जीवन में शांति, प्रेम और सकारात्मकता का संचार करें।
🌿 भोलेनाथ का महीना शुरू हो गया है… और आज है सावन का पहला सोमवार!
14 जुलाई 2025 को सावन का शुभारंभ भारत के हर कोने में शिवभक्ति की गूंज के साथ हुआ है। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। कहीं कांवड़िए “बोल बम” के नारों के साथ जल लेकर बढ़ रहे हैं तो कहीं महिलाएं बेलपत्र लेकर शिवालयों की ओर चल रही हैं। सावन का पहला सोमवार सिर्फ एक दिन नहीं, यह एक संकल्प है — आत्मशुद्धि का, आस्था का और ईश्वर में पूर्ण विश्वास का।
🛕 श्रावण सोमवार का महत्व
श्रावण मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को शिवजी ने इसी महीने में ग्रहण किया था। इसलिए यह महीना भक्तों के लिए शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम समय होता है।
सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखना विशेष फलदायी माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हर हर महादेव! 🙏
सावन सोमवार 2025: भोलेनाथ की भक्ति में डूबा देश, जानें पूजा विधि, जलाभिषेक, व्रत के नियम और महत्व












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