“सेना पर टिप्पणी का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा – क्या आपके पास कोई सबूत है?”
राजनीति में बयानबाजी आम बात है, लेकिन जब बात सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो हर शब्द का वजन बढ़ जाता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में यह दावा किया कि चीन ने भारत की 2000 किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है और राहुल गांधी से जवाब मांगा है कि “क्या आपके पास इसका कोई सबूत है?”
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक मंच और सोशल मीडिया पर दावा किया था कि चीन ने भारत की लगभग 2000 किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह बयान तब आया जब सीमा पर भारत और चीन के बीच तनातनी की खबरें लगातार सामने आ रही थीं।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसमें इस बयान को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी से तीखा सवाल किया:
“आप देश के विपक्ष के नेता हैं, अगर आपके पास इस तरह की जानकारी है तो संसद में उठाएं। सोशल मीडिया पर ऐसा बयान देना सही नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा:
“आपके पास अगर कोई सबूत है, तो संसद में रखें या सरकार से जवाब मांगें। कोर्ट का उपयोग राजनीतिक मंच की तरह नहीं किया जा सकता। क्या आपने ये जानकारी किसी आधिकारिक दस्तावेज़ से ली है?”
यह बात स्पष्ट कर दी गई कि कोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर कोई अनुमान या राजनीतिक बयान के आधार पर कार्रवाई नहीं करेगा।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने अब तक इस पर सीधे कोर्ट में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है, लेकिन उन्होंने अपने पुराने बयानों को दोहराया है कि सरकार चीन के खिलाफ कमजोर रवैया अपना रही है और जनता को “सच्चाई” नहीं बताई जा रही।
उनकी टीम का कहना है कि वो सिर्फ सैनिकों और देश की अखंडता की बात कर रहे हैं और इस तरह के मुद्दों पर सवाल उठाना विपक्ष का कर्तव्य है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया क्या रही?
इस पूरे मामले पर BJP ने जोरदार हमला किया:
-
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “राहुल गांधी का एजेंडा सिर्फ सेना को नीचा दिखाना और देश की छवि खराब करना है।”
-
कुछ बीजेपी नेताओं ने उन्हें “चीन के प्रवक्ता” तक कह डाला।
वहीं कांग्रेस पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि:
-
राहुल गांधी सिर्फ सच्चाई सामने ला रहे हैं
-
मोदी सरकार चीनी घुसपैठ को छुपा रही है
चीन के साथ सीमा विवाद का सच
भारत और चीन के बीच LAC (Line of Actual Control) को लेकर लंबे समय से विवाद है। 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से तनाव और बढ़ा है।
हालांकि भारत सरकार ने कभी आधिकारिक तौर पर नहीं माना कि चीन ने 2000 किमी जमीन पर कब्जा किया है।
यह आंकड़ा कहां से आया — यह अब भी सवालों में है।
क्या राहुल गांधी को संसद में बोलना चाहिए था?
सुप्रीम कोर्ट की बात में दम है। अगर विपक्ष के पास ठोस तथ्य हैं, तो उन्हें संसद में उठाना चाहिए ताकि चर्चा हो, जवाब मांगा जाए और सरकार पर दबाव बनाया जाए।
सोशल मीडिया पर बयान देने से:
-
राजनीतिक माहौल गर्म जरूर होता है
-
लेकिन संवैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं होता
जिम्मेदारी के साथ बयान जरूरी
विपक्ष का काम है सरकार से सवाल पूछना — लेकिन वह सवाल जिम्मेदारी और मंच दोनों के अनुसार उठाए जाने चाहिए।
सेना जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं, सावधानी जरूरी है।
राहुल गांधी के इस बयान ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या नेता सिर्फ लोकप्रियता के लिए बोल रहे हैं या राष्ट्रहित में?
Sunita Williams ने धरती पर रखा कदम, जानिए उनके इस 9 महीने की अद्वितीय साहस की कहानीHathras का अय्याश प्रोफेसर! 30 से ज्यादा छात्राओं को अपने जाल में फंसायाजस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: नए राष्ट्रपति बने मार्क कार्नीक्या रोहित शर्मा का ये आख़िरी वनडे हैं ? सूत्रों के हवाले से ये बड़ी खबर आ रही हैं Mohammad Shami के एनर्जी ड्रिंक पर बवाल, मौलवी बोले- वो गुनाहगार…अपराधी












Users Today : 9
Views Today : 13