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Power of a Single Vote: पहचानिए ,अपने वोट की ताकत को! आपके एक वोट से इतना कुछ बदल सकता है

पहचानिए , अपने वोट की ताकत

देश में जारी लोकसभा चुनाव अपने आखिरी चरण में है। 5 चरण चुनाव के मतदान हो चुके हैं ,दो चरण की वोटिंग होनी चुकी है। लोकतंत्र के महापर्व में हरेक वोट कीमती होता है। कुछ लोग सोचते हैं कि उनके एक वोट से क्या होगा? मेरे एक वोट से सत्ता थोड़े बदल जाएगी, देश में बदलाव थोड़े आ जाएगा लेकिन आज हम आपको बताते है कि के एक वोट ने कैसे नतीजे बदले हैं, कैसे सरकार बदली है, कैसे कोई मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गया कैसे एक वोट से देश का प्रधानमंत्री बदल गया?

तो आइए जानते हैं कि एक वोट की कीमत क्या है और कैसे एक वोट ने सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर में नतीजे बदले हैं

एक वोट से गिर गई थी अटल बिहारी की सरकार

17 अप्रैल, 1999 भारतीय इतिहास में एक अहम घटना के लिए दर्ज है… इसी दिन 13 महीने पुरानी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक वोट से पास हुआ था… प्रस्ताव के पक्ष में 270 वोट पड़े थे और खिलाफ 269 वोट… इसके नतीजे में वाजपेयी सरकार गिर गई।

एक वोट की हार से टूटा सीपी जोशी का सपना

2008 में हुए राजस्थान विधानसभा के चुनाव में सीपी जोशी को 62,215 मिले वहीं उनके प्रतिद्वंदी कल्याण सिंह को 62,216 वोट मिले… तब जोशी सीएम के दावेदार थे..लेकिन एक वोट ने ना सिर्फ उन्हें सीएम की कुर्सी से दूर किया वरन् विधायक भी नहीं बन पाए….इतना ही नहीं..सीपी जोशी की की मां, पत्नी व ड्राइवर ने वोट नहीं डाला था..और परिणाम ये हुआ की एक वोट से हार गए सीपी जोशी…

कर्नाटक में भी एक वोट से हुई थी हार-जीत

2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जेडीएस के एआर कृष्णमूर्ति को 40,751 मत मिले और कांग्रेस के आर ध्रुवनारायण को 40,752… छुट्‌टी न देने के कारण उनका ड्राइवर वोट नहीं डाल पाया था और एआर कृष्णमूर्ति
विधायक बनते बनते रह गए…

सिर्फ आधे वोट से अहमद पटेल बन गए सांसद

2017 में गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ था। एक सीट पर कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल लड़ रहे थे। कांग्रेस के ही दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी जिससे अहमद पटेल की जीत मुश्किल हो गई थी। क्रॉस वोटिंग करने वाले दो एमएलए यह भूल गए थे कि वे वोट करते वक्त भी कांग्रेस के सदस्य थे और वे पोलिंग बूथ पर खड़े होकर अपनी बदली हुई वफादारी का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकते। इससे उनके वोट रद्द हो गए जिससे जीतने के लिए वोटों की संख्या 43.5 हो गई। अहमद पटेल को 44 वोट मिले थे, इस तरह वह आधे वोट से जीत गए.

ये तो हो गई भारतीय लोकतंत्र की कहानी वैश्विक पटल पर भी एक वोट ने कई नतीजे बदले हैं…और एक वोट की ताकत दिखाई है

फ्रांस में राजशाही खत्म और लोकतंत्र शुरू हुआ

1875 में फ्रांस में तो सत्ता का पूरा रूप ही बदल गया था… एक वोट की जीत से ही फ्रांस में राजशाही खत्म हुई और देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई… वरना फ्रांसीसी लोग अब तक राजशाही ही ढो रहे होते।

अमेरिका की भाषा बदली वरना मातृभाषा जर्मन होती

1776 में अमेरिका को एक वोट की बदौलत ही जर्मन की जगह अंग्रेजी के रूप में उनकी मातृभाषा मिली थी…. यहां 1910 में रिपब्लिक उम्मीदवार एक वोट से हार गया था और पार्टी मानो शोक में डूब गई थी।

तो जरा सोचिए अगर आपका वोट कितना मायने रखता है,आपके एक वोट से सत्ता बदल सकती है…आपका प्रतिनीधि बदल सकता है।लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसमें हर व्यक्ति को अपनी का प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। चुने हुए प्रतिनिधि ही देश की सरकार बनाते हैं और शासन व्यवस्था को संभालते हैं। चुनाव का पर्व हर पांच साल में एक बार आता है। इस चुनाव में हर व्यक्ति को मतदान अवश्य करना चाहिए।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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