पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट केस में पुलिस एक्शन मोड में है। पुलिस ने केस से जुड़े सभी तथ्यों पर काम करते हुए पहले नाबालिग के पिता को गिरफ्तार किया है। फिर आज आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नाबालिग के दादा पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के ड्राइवर को बंधक बना लिया था।
दादा और पिता पर ड्राइवर को धमकाने केस दर्ज
पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र अग्रवाल ने ड्राइवर गंगाराम को धमकी दी थी और अपने बेटे विशाल अग्रवाल और बहू के साथ मिलकर उन्हें बयान देने के लिए मजबूर किया था कि दुर्घटना के दौरान वो कार चला रहे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने सुरेंद्र अग्रवाल को शनिवार की सुबह करीब 3 बजे उनके घर से गिरफ्तार किया है। पुणे की यरवदा पुलिस ने किशोर के दादा और पिता के खिलाफ किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण करना का मामला दर्ज करते हुए IPC की 365 और 368 के तहत केस दर्ज किया है।
2 दिनों तक ड्राइवर को घर में रखा कैद, फोन भी छीना
पुणे क्राइम ब्रांच ने ड्राइवर गंगाराम की शिकायत पर अपहरण, मारपीट और धमकी देने के आरोप में सुरेंद्र अग्रवाल के खिलाफ गिरफ्तारी की ये कार्रवाई की है। उसने शिकायत की थी कि सुरेंद्र अग्रवाल और उसके लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था और उसके साथ मारपीट की थी और पोर्श कार चलाने का दोष लेने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं दुर्घटना के बाद, किशोर के दादा और पिता ने कथित तौर पर ड्राइवर का फोन ले लिया, उसे 19 मई से 20 मई तक अपने बंगले के परिसर में अपने घर में कैद में रखा। हालांकि, ड्राइवर को उसकी पत्नी ने छुड़ा लिया।
नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेजा गया
पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को नाबालिग ने शराब के नशे अपनी तेज रफ्तार पोर्शे कार से मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुणे की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को किशोरी के पिता सहित मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। किशोरी पांच जून तक बाल सुधार गृह में रहेगा।
