भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्रिटेन से लगभग 100 टन या 1 लाख किलोग्राम सोना वापस भारत शिफ्ट कर दिया है। आने वाले महीनों में और अधिक सोना भारत वापस ले जाने का इरादा है। यह 1991 की शुरुआत के बाद पहली बार है, जब इतना अधिक सोना भारत के भंडार में वापस आया है। आरबीआई अधिकाारियों का कहना है कि लगभग 100 टन सोना और आने वाले दिनों में भारत लाया जाएगा। ऐसा बताया जा रहा है कि भविष्य में वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए आरबीआई देश की तिजोरी में सोने की मात्रा को बढ़ा रहा है। सूत्रों ने बताया कि 100 टन सोने को भारत लाना कतई आसान नहीं था, इसके लिए कई महीनों तक योजना बनाई गई।
सोना लाने की पूरी प्रक्रिया को सीक्रेट रखा गया
RBI के अधिकारियों ने बताया कि 100 टन सोने को भारत में लाने के लिए वित्त मंत्रालय, आरबीआई और स्थानीय अधिकारियों सहित सरकार की कई अन्य शाखाओं के बीच आपसी तालमेल शामिल था। सोना लाने की पूरी प्रक्रिया को सीक्रेट रखा गया, साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए। इसके लिए आरबीआई को सीमा शुल्क में छूट दी गई, केंद्र को इस सॉवरेन एसेट पर रेवेन्यू छोड़ना पड़ा… लेकिन आयात पर लगने वाले एकीकृत जीएसटी से कोई छूट नहीं थी, क्योंकि कर राज्यों के साथ साझा किया जाता है।
आखिर कहां रखा गया है 1 लाख किलो सोना?
1 लाख टन सोना किसी आम विमान में नहीं आ सकता था, इसलिए एक विशेष विमान की व्यवस्था की गई। कहा जा रहा है कि ब्रिटेन से आया सोना मुंबई या नागपुर के RBI कार्यालय में रखा गया है । क्योंकि देश के भीतर, मुंबई के मिंट रोड के साथ-साथ नागपुर में आरबीआई के पुराने कार्यालय भवन में सोना रखा जाता है। इन दोनों जगह पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहते हैं। 24 घंटे यहां सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन से लाया गया सोना भी यहीं रखा गया होगा। हालांकि, इसकी अभी तक कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।
वित्तीय संकट को निपटाने के लिए गिरवी रखा था गोल्ड
साल 1991 में मौजूद सरकार ने वित्तीय संकट को निपटाने के लिए गोल्ड को गिरवी रखा था। उस वक्त आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था ताकि वह 400 मिलियन डॉलर इकट्ठा कर पाए। आरबीआई ने बताया कि भारत के पास विशाल विदेशी मुद्रा भंडार है। आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले कारोबारी साल तक विदेशी मुद्रा भंडार में 822.10 टन सोना था। वहीं, फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में विदेशी मुद्रा भंडार में 794.63 टन से ज्यादा का सोना था। RBI केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सोना रखता है। सभी देशों के केंद्रीय बैंक सोने को अलग-अलग जगहों पर रखना चाहते हैं, ताकि जोखिम कम हो सके। सबसे पहले तो सोने की सेफ्टी को ध्यान में रखा जाता है।अगर भारत में आपदा या राजनीतिक अस्थिरता से आर्थिक स्थिति खराब होती है तो इससे उबरने में विदेशों में रखा सोना काम आता है।
