देश में हाल में ही नई सरकार बनने वाली है लेकिन 2 दिन पहले ही आम आदमी की जेब एक बार फिर ढीली होने वाली है। सरकार ने हाइवे पर लगने वाले टोल पर 5% बढ़ोतरी कर दी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) ने पांच प्रतिशत बढ़े हुए टोल टैक्स की दर को लागू करने का फैसला किया है। पहले टोल दरों में मार्च में बढ़ोतरी की जाती थी लेकिन चुनावों की वजह से टोल टैक्स दर बढ़ाने का फैसला 2 माह से लंबित था। NHAI के अधिकारियों के मुताबिक सोमवार से पूरे देश में सड़क टोल शुल्क में 3-5% की वृद्धि होने वाला है।
कितना देना हो टैक्स
टोल की कीमतों में संसोधन होने के बाद दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाइवे पर जिवाना टोल पर सबसे कम 90 रुपये और सबसे ज्यादा 890 रुपये टोल वसूला जाएगा। मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर सबसे कम टोल 45 रुपये और सबसे अधिक टोल 295 रुपये वसूला जाएगा। झांसी-कानपुर हाइवे के रास्ते झांसी आने वाले वाहनों को सेमरी टोल प्लाजा पर 5 से 1500 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। वहीं NHAI की ओर से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-हापुड़ एक्सप्रेस वे और गाजियाबाद अलीगढ़ हाईवे पर टोल वसूलने की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को दी गई है। लेकिन टोल की कीमतों को केवल NHAI ही बढ़ा सकता है।
सालाना संशोधित की जाती हैं टोल दरें
भारत में टोल शुल्क मुद्रास्फीति के अनुरूप सालाना संशोधित किए जाते हैं और राजमार्ग संचालकों ने स्थानीय समाचार पत्रों में सोमवार से लगभग 1,100 टोल प्लाजा पर 3% से 5% की वृद्धि की घोषणा करते हुए नोटिस दिए हैं। हाल ही में टोल प्लाजा पर बढ़ती कीमतें काफी चर्चा का विषय रही हैं और विपक्षी दलों ने बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार और परिवहन मंत्रालय को आड़े हाथ लिया है। जिसके जवाब में एनएचएआई का कहना है कि उनकी सड़क परियोजना के लिए टोल की कीमतों में बढ़ोतरी करना बेहद ही जरूरी है।
