लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सरकार बनाने की कवायद शुरु हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA ने बुधवार को सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुन लिया है। बुधवार को NDA गठबंधन की बैठक हुई जिसमें बीजेपी समेत 16 दलों के नेताओं ने शिरकत की। इससे पहले आज सुबह नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसे राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मु को सौंप दिया। फिलहाल नरेंद्र मोदी नई सरकार के गठन तक देश के कार्यवाहक पीएम की कमान संभालेंगे।
बैठक में 15 पार्टियों के 21 नेता हुए शामिल
तेलुगु देशम पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान इस बैठक में शामिल हुए।इनके अलावा, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतनराम मांझी, जन सेना पार्टी के पवन कल्याण, राकांपा (अजित पवार) के प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे, अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, असम गण परिषद के अतुल बोरा, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्र हंग सुब्बा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के सुदेश महतो और जद(यू) के राजीव रंजन सिंह और संजय झा भी बैठक में शामिल हुए।
सर्वसम्मति से NDA की बैठक में पास हुआ प्रस्ताव
इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें कहा गया कि भारत के 140 करोड़ देशवासियों ने पिछले 10 सालों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा है। बहुत लंबे अंतराल, लगभग 6 दशक के बाद भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सशक्त नेतृत्व को चुना है। प्रस्ताव में कहा गया, ”हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता. हम सभी एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुनते हैं। मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार भारत के गरीब-महिला-युवा-किसान और शोषित, वंचित व पीड़ित नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत की विरासत को संरक्षित कर देश के सर्वांगीण विकास हेतु एनडीए सरकार भारत के जन-जन के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कार्य करती रहेगी।”
बता दें कि लोकसभा चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। 241 सीट जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी है। हालांकि वह लोकसभा की कुल 543 सीटों में से बहुमत के लायक 272 सीट से पीछे है। गठबंधन में चंद्रबाबू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की JDU 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं। इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।
