एनडीए की बैठक में नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा किया गया है। एनडीए नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को समर्थन पत्र सौंप दिया है। इसके पहले एनडीए की एक बैठक बुलाई गई। जिसमें सभी दलों के शीर्ष नेता, सीएम, सांसदों ने भाग लिया। बैठक के बाद पीएम के नाम पर फाइनल मुहर लग गई है।जिसके बाद एनडीए ने राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। सरकार बनाने का दावा पेश करने एनडीए की तरफ से अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार और एकनाथ शिंदे पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज शाम साढ़े चार बजे राष्ट्रपति मुर्मू से मिलने जाएंगे।
पीएम मोदी ने लिया लालकृष्ण आडवाणी का आशीर्वाद
एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। 9 जून को नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए भूटान के किंग, श्रीलंका के राष्ट्रपति और नेपाल, बांग्लादेश और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों सहित कई प्रमुख नेताओं को निमंत्रण भेजा है।
राजनाथ सिंह ने रखा नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रस्ताव
एनडीए संसदीय दल की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्ताव दिया। इसे गृहमंत्री अमित शाह समेत नितिन गडकरी, टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एलजेपी के चिराग पासवान, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, एलजेपी से चिराग पासवान, हम से जीतन राम मांझी और जन सेना के पवन कल्याण ने अपना समर्थन दिया। इस बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल भी शामिल रहे।
आज भारत की छवि विश्वबंधु की बन चुकी है-PM मोदी
एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा,’ एनडीए हिंदुस्तान का सबसे सफल प्री-पोल अलायंस है। मैं ह्रदय से सबका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। खुशी की बात है कि इतने बड़े समूह का मुझे स्वागत करने का अवसर मिला है। जो साथी विजयी होकर आए हैं, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मेरा बहुत सौभाग्य है। पिछले 10 वर्षों में भारत ने जिन कामों को बल दिया है, आज भारत की छवि विश्वबंधु की बन चुकी है। आज दुनिया हमें विश्वबंधु के रूप में स्वीकार कर चुकी है। हमने हर संकट को जिस प्रकार से हैंडल किया, जिस प्रकार से हमने मानवी मूल्यों को प्राथमिकता दी… उसका परिणाम है कि सामान्य मानवी के मन में विश्वबंधु का भाव मजबूत हुआ।
