लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी को पिछले दो चुनावों से ज्यादा सीटें मिली जैसे पार्टी को एक जीवनजान मिला हो। पार्टी ने कई राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया वहीं कांग्रेस दिग्गज राहुल अमेठी और वायनाड लोकसभा सीट दोनों जगहों से जीत हासिल की। जिसके बाद अटकलें जताई जा रही थी कि कौन सी सीट छोडेंगे अब उन्होंने वायनाड सीट को छोड़ने का फैसला लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे जबकि रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार से ही प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। इस तरह कांग्रेस ने एक ही दिन में दो बड़ी घोषणाएं की हैं. एक तो राहुल गांधी का निर्णय कि वह रायबरेली से ही सांसद बने रहेंगे और दूसरा कि कांग्रेस ने वायनाड उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी भी उतार दिया है।
कांग्रेस संसदीय समिति की मीटिंग के बाद हुआ फैसला
सोमवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक की और राहुल गांधी की संसदीय सीट को लेकर फैसला किया। बैठक के बाद खरगे ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। इस मीटिंग में सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए। खरगे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम सबने बैठक में यह तय कर लिया कि राहुल गांधी रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे, क्योंकि रायबरेली पहले से भी उनके काफी नजदीक रही है। उस परिवार के साथ जुड़ाव है और पीढ़ियों से वहां से लड़ते आए हैं। इसलिए वहां के लोगों और पार्टी के लोगों का भी कहना है कि वह रायबरेली की सीट अपने पास रखें। वायनाड के लोगों का प्यार भी राहुल को मिला है। वे लोग चाहते हैं कि राहुल वायनाड में ही रहें, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता। इसलिए वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी।
डेढ दशक की राजनीति में पहली बार प्रियंका लड़ेंगी चुनाव
प्रियंका गांधी के सियासी सफर की बात करें तो अपने अब तक के राजनीतिक सफर में पहली बार चुनाव लड़ेंगी। इससे पहले वह पार्टी संगठन में ही काम करती रही हैं। वह वर्तमान में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की सदस्य भी हैं। प्रियंका 2004 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल रहीं। यह राजनीति में उनका पहला मजबूत कदम था। उन्होंने दर्जनों संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियां कीं। 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में, जब राहुल गांधी ने कांग्रेस के लिए राज्यव्यापी प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला, प्रियंका ने अमेठी-रायबरेली क्षेत्र की 10 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित किया। प्रियंका ने औपचारिक रूप से सक्रिय राजनीति में तब एंट्री की जब उन्हें 23 जनवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लिए कांग्रेस पार्टी का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया। 11 सितंबर, 2020 को उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया।कांग्रेस ने उनके ही नेतृत्व में 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा. प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने भाई राहुल गांधी के साथ 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र लॉन्च किया। घोषणापत्र राज्य के विकास के साथ-साथ युवाओं और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित था, और इसमें 40% टिकट महिलाओं को देने का भी वादा किया गया था। महिला वोटों और राजनीति में उनकी भागीदारी पर जोर देते हुए उन्होंने राज्य में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत की।
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी रायबरेली सीट से 3 लाख 90 हजार वोटों के मार्जिन से जीते हैं. उन्हें कुल 6 लाख 87 हजार 649 वोट मिले। उनका वोट पर्सेंटेज 66.17% रहा, केरल की वायनाड सीट से राहुल गांधी ने 59.69% वोटों से जीत हासिल की। उन्हें कुल 6 लाख 47 हजार 445 वोट मिले, जीत का मार्जिन 3 लाख 64 हजार 422 वोट था। नियमानुसार, रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। 4 जून को चुनाव के नतीजे आए थे। यानी 18 जून तक की डेडलाइन थी। जिसके बाद अब वायनाड के प्रियंका को उतारने का फैसला किया गया है।
