बिहार में पुल गिरना आजकल आम बात हो गई है। नदी नालों पर पर पुल भले ना तैयार हो लेकिन भ्रष्टाचार का पुल बेहद मजबूती से तैयार हो रहा है। पिछले एक हफ्ते में तीसरा पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है। इस बार ये घटना मोतिहारी में हुई है। यह निर्माणाधीन प्रोजेक्ट था, जिसकी अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये के करीब थी। पुल की ढलाई का काम किया जा चुका था. इस पुल की लंबाई लगभग 50 फीट थी। इससे पहले अररिया और सीवान में भी पुल गिर चुके हैं। अररिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी पर बना पुल 18 जून को गिरा था. सिवान में 22 जून को गंडक नहर पर पुल गिरा था।
एक हफ्ते में तीसरा पुल हुआ धड़ाम
इस घटना के बाद से बिहार सरकार और अधिकारियों पर सवाल उठने लगा है कि एक हफ्ते के अंदर तीन पुल कैसे गिर गया है। घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क में लगभग 40 फीट पुल बनने का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. एक करोड़ 59 लाख 25 हजार 602 रुपए की लागत से बन रहे पुल के उपरी भाग का शनिवार को ढ़लाई हुआ था लेकिन बीती रात ही गिर गया। विभागीय अधिकारी असमाजिक तत्वों द्वारा पुल ध्वस्त किए जाने की बात कह रहे हैं। मोतिहारी के धीरज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 18 मीटर लंबा पुल बनवाया जा रहा है। इसका शिलान्यास शिवहर की पूर्व भाजपा सांसद रमा देवी ने इसी साल 10 मार्च को किया था। पुल का निर्माण घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाले पथ में हो रहा है।
अररिया में बकरा नदी पर बना पुल गिरा
अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही धवस्त हो गया। पुल का निर्माण लगभग पूरा हो गया था। सात करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से बने इस पुल का निर्माण, पहले बने पुल की एप्रोच कट जाने के बाद कराया गया था। हाल ही में पुल के एप्रोच की बहाली के लिए विभाग की ओर कवायद शुरू की गई थी, लेकिन उससे पहले पुल ही ध्वस्त हो गया।
सिवान में भी ध्वस्त हुआ पुल
शनिवार को ही सिवान में पुल गिर गया था। गंडक नदी के नहर पर बना 30 फीट लंबा पुल गिर गया जिससे आवागमन बाधित हो गया। महाराजगंज के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच पुल बना हुआ था। यह पुल 40 से 45 साल पुराना था। लोगों ने बताया कि नहर की सफाई के दौरान मिट्टी काटने के कारण पुल ध्वस्त हो गया।
