बरसात का मौसम शुरु हो रहा है और ये मौसम स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है। इस मौसम में वायरल फीवर ,जॉन्डिस टायफाइड, निमोनिया जैसी बीमारी फैलने का डर रहता है। ऐसे में हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है लेकिन बीमारी भी हमारे जीवन का एक ऐसा हिस्सा है। जिससे हर किसी को कभी-न-कभी लड़ना पड़ता ही है। ये समय-समय हमारी शारीरिक शक्तियों को पहचानने में मदद करता है।दुनिया में लाखों तरह की बीमारियां होती हैं। जिनमें शारीरिक, मानसिक, और जीवन शैली से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं तो उन्हीं में से आज हम चर्चा करेगें फेफड़ों में होने वाला संक्रमण यानी निमोनिया के बारे में।
निमोनिया एक संक्रामक रोग होता है जो व्यक्तियों के फेफड़ों पर असर डालता है। यह किसी संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकली बूंदों के संपर्क में आने से आसानी से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है..तो आइए जानते निमोनिया होने पर क्या लक्षण हो सकते हैं।
निमोनिया के लक्षण
- कमजोर और थका हुआ महसूस करना
- खांसी होना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- सीने में दर्द होना
- भूख कम लगना
छोटे बच्चों में भी निमोनिया के लगभग समान ही लक्षण होते हैं जैसे की कम भूख लगना, खांसी होना और बुखार के साथ पसीना व कंपकंपी होना…छोटे बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से इस बीमारी के जोखिम ज्यादा होते हैं। ऐसे में निमोनिया से बचाव भी बेहद जरुरी है।
निमोनिया से बचाव के उपाय
- टीकाकरण करवाएं
- स्वच्छता की आदत अपनाएं
- धूम्रपान से बचें
- इम्युनिटी को मजबूत बनाएं
निमोनिया का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का निमोनिया है। यह पाँच प्रकार के होते हैं सही समय पर लक्षणों की पहचान कर उपचार शुरू नहीं करने पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है..तो एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप निमोनिया के रिस्क को कम कर सकते हैं.
निमोनिया से बचाव के घरेलू उपचार
- समय-समय पर भाप लें
- अदरक या हल्दी की चाय या गर्मागर्म सूप पियें
- गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर सेवन करें
- पुदीने की ताजा पत्तियां लेकर चाय बनाएं
ऐसे ही कई औऱ भी घरेलू नुस्खें हैं जिसकी मदद से आप निमोनिया के खतरे को कम कर सकते हैं और आपको निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचा सकते हैं।
