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Hathras Satsang Tragedy: हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, अबतक 120 से ज्यादा मौतें , बाबा फरार

हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। भगदड़ के दौरान अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत सूचना मिली है। वहीं, शांतिपूर्ण चले सत्संग के समापन के बाद अचानक मची भगदड़ की मुख्य वजह भी सामने आ गई है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

हादसे की मॉनिटरिंग खुद कर रहे CM योगी आदित्यनाथ

हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने दुःख जताया है और गहन जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं पल-पल के घटनाक्रम पर सीधी नजर रख रहे हैं। उन्होंने दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मुख्यमंत्री ने मौके पर भेजा है।इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और बड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।

बाबा का काफिला निकलते वक्त हुआ हादसा

जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग में कथावाचक भोले बाबा का कार्यक्रम था। इसी दौरान ये हादसा हुआ। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “सत्संग के बाद सबको निकलने की जल्दी हो रही थी। रास्ता चौड़ा नहीं था। अचानक हमें पीछे से धक्का लगा और भगदड़ मच गई, निकलने के लिए जगह नहीं थी। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से से को रोका गया, इसी दौरान भगदड़ मच गई। मृतकों में हाथरस, बदायूं और एटा के रहने वाले हैं। 

कासगंज के रहने वाले हैं कथावाचक भोले बाबा

हाथरस में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है। भोले बाबा ने 17 वर्ष पहले पुलिस में एसआई के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था। बताया गया कि एसपी सिंह (भोले बाबा) ने नौकरी के दौरान ही वे मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वहीं, भोले बाबा और उनके अनुयायी आम तौर पर मीडिया से दूर ही रहते हैं।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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