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Parliament Session: राहुल-बीजेपी की तकरार, मोदी के तेवर, शपथ और बवाल, जानिए संसद के विशेष सत्र में क्या-क्या हुआ?

18वीं लोकसभा का पहला सत्र 3 जुलाई को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। 10 दिनों तक चलने वाले इस विशेष सत्र में सांसदों की शपथ, स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के साथ बहुत कुछ हुआ। पहले सत्र में लोकसभा की 7 बैठकें हुई जो 30 घंटे 40 मिनट तक चलीं। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा की उत्पादकता 103 प्रतिशत रही। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में 539 सदस्यों ने शपथ ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 18 घंटे चर्चा हुई। 68 सांसदों ने चर्चा में भाग लिया।

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विशेष सत्र में क्या-क्या हुआ?

  • 24 जून को शुरू हुए संसद के इस सत्र के शुरुआती दो दिन लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई।
  • तीसरे दिन लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ. चौथे दिन राष्ट्रपति ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।
  • राष्ट्रपति के अभिभाषण पर शुक्रवार को लोकसभा में अनुराग ठाकुर और राज्यसभा में डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की।
  • धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार देखने को मिली।
  • इसके बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण और उस पर आए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सत्र के दौरान कई मुद्द गरम रहे।
  • सत्र से ठीक पहले NEET और NET की परीक्षाओं में आई गड़बड़ी के कारण ज्यादा समय इसी पर केंद्रित रहा।
  • समापन से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष के बयान पर बवाल भी हुआ। वहीं पीएम मोदी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सत्र का समापन हुआ।

24 जून से 3 जून तक चला विशेष सत्र

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद 18वीं लोकसभा का गठन किया गया। 24 जून 2024 को शुरू हुई 18वीं लोकसभा का मंगलवार को समापन हो गया। ओम बिरला ने बताया कि 24 जून 2024 को शुरू पहले सत्र में 7 मीटिंग्स हुई। सत्र लगभग 30 घंटे 40 मिनट तक चला। सत्र के दौरान 539 सदस्यों ने शपथ ली। पूरे सत्र के दौरान कुल 34 घंटे 16 मिनट सदन की कार्यवाही चली। इसमें से 7 घंटे 32 मिनट की कार्यवाही देर रात तक हुई। हालांकि, पूरे सत्र में 5 घंटे 37 मिनट का नुकसान हंगामे के कारण हुआ। कुल मिलाकर 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 103 फीसदी प्रोडक्टिविटी के साथ समाप्त हुआ।

पहले सत्र में  कुल 41 मामले उठाए गए

ओम बिरला ने बताया कि पहले सत्र में नियम 377 के तहत कुल 41 मामले उठाए गए। जबकि निर्देश 73ए के तहत 03 वक्तव्य दिए गए। इसके अलावा सत्र के दौरान 338 पत्र रखे गए। सत्र समापन के दौरान ओम बिरला ने सांसदों की शपथ और स्पीकर के चुनाव तक कार्यवाही सुचारू संचालन के लिए प्रोटेम स्पीकर भर्तहरि महताब का आभार जताया। इसके अलावा प्रधान मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, दलों के नेताओं और सदन के सदस्यों को भी धन्यवाद दिया।

पहली बार हुआ लोकसभा के स्पीकर का चुनाव

पहले सत्र के दौरान 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। स्पीकर चुनाव के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने अपना प्रत्याशी उतारा। डिप्टी स्पीकर पद, सत्तापक्ष द्वारा पारंपरिक रूप से विपक्ष को नहीं दिए जाने के विरोध में विपक्ष ने स्पीकर प्रत्याशी के रूप में के.सुरेश को मैदान में उतारा। हालांकि, प्रतिकात्मक विरोध करने के बाद चुनाव वाले दिन विपक्ष ने आसानी से ओम बिरला को स्पीकर चुन लेने जाने दिया। स्पीकर चुनाव का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने सत्र समापन के दौरान आभार जताया। उन्होंने ध्वनि मत से दूसरी बार अध्यक्ष चुने जाने के लिए आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रपति की अभिभाषण

शपथ और स्पीकर के चुनाव के बाद लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित किया। इसमें उन्होंने सरकार के अगले 5 साल के प्लान को सामने रखा। इसमें उन्होंने बताया कि इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा। इसमें आर्थिक तथा सामाजिक मोर्चे पर बड़े फैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने आपातकाल पर भी बात की जिस पर विपक्ष ने अभिभाषण को मोदी स्पीच करार दिया।

संविधान की कॉपी लेकर सदन में पहुंचा विपक्ष

सत्र के पहले दिन ही इंडिया गठबंधन के सांसद हाथों में संविधान की कॉपी लेकर पहुंचे। सांसदों ने PM मोदी के खिलाफ भी जमकर हल्ला बोला. पहले ही दिन विपक्ष ने नीट के मामले को लेकर हंगामा किया। राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने भाजपा और सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। इसके बाद से सरकार और भाजपा की ओर से विपक्ष को आपातकाल के नाम पर घेरा गया। सदन में चर्चा के दौरान अनुसार ठाकुर का बयान काफी चर्चा में रहा। जो उन्होंने विपक्ष से संविधान की किताब में पन्नों की संख्या पूछ ली।

माइक ऑन-ऑफ का गरमाया मामला

छुट्टी के बाद 1 जुलाई का संसद की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई इसमें NEET और NET का मामला गरमा गया। इस दौरान शुक्रवार को राहुल गांधी के माइक बंद होने का मामला दोनों सदनों में छाया रहा। हालांकि, इसपर स्पीकर ने सफाई भी दी कि स्वीच उनके कंट्रोल में नहीं होता है। समय पूरा होते ही माइक बंद हो जाता है। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी पर खुलकर नाराजगी जताई।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण पर बवाल

लोकसभा में सोमवार, 1 जुलाई राहुल गांधी ने भाषण दिया. विपक्ष के लोग इसकी खूब तारीफ कर रहे थे। हालांकि, उनके भाषण में कई ऐसी बातें रही जिनको लेकर उन्हीं के ऊपर सवाल खड़े हो गई। जैसे शहीद अग्निवीर के परिवार को मिलने वाला मुआवजा। इसके अलावा वो सदन में शंकर भगवान की फोटो लेकर पहुंचेल और हिंदू समाज को लेकर कुछ बातें कही. इसपर भी काफी बवाल हुआ। लोकसभा स्पीकर ने उनके पूरे भाषण में 14 बार कैंची चलाई।

पीएम मोदी का संबोधन, विपक्ष का वॉकआउट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखी. PM बोलना शुरू करते इससे पहले ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. शोर-शराबे के बीच मोदी ने बोलना शुरू किया. अभिभाषण पर आभार जताते हुए उन्होंने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया है. PM ने नाम लिए बिना राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन्हें बालबुद्धी बताया. प्रधानमंत्री ने अपने 10 साल के कार्यकाल को लेकर भी कुछ बातें कहीं. प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान ही हाथरस का हादसा हो गया. उन्होंने इसपर सदन में ही शोक जताया. इसके बाद सत्र स्थगित हो गया

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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