हाथरस कांड की 900 पेज की रिपोर्ट SIT ने सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। SIT ने 150 अफसरों, कर्मचारी और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, SIT ने आयोजकों को हादसे का दोषी माना है। 2 जुलाई को साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो गई थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सत्संग का आयोजन कराने वाली कमेटी की लापरवाही के कारण हादसा हुआ है। इसके अलावा प्रशासन पर भी सवालिया निशान उठे हैं। हालांकि रिपोर्ट में भोले बाबा का ज़िक्र नहीं है।
132 लोगों के बयान दर्ज किए गए
जांच कर रही टीम में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं। जिम्मेदार अफसरों की लिस्ट भी तैयार की है। अब इनके खिलाफ एक्शन हो सकता है। सीएम ने हादसे के 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि, SIT ने जांच पूरी करने में 6 दिन लगा दिए। जानकारी के मुताबिक एसआईटी की इस रिपोर्ट में 132 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। बयान दर्ज कराने लोगों में यूपी पुलिस के कई आला अधिकारी भी शामिल थे। जिनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल का नाम भी था। सत्संग में 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे, जबकि अधिकारियों ने करीब 80,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी। ऐसे में प्रशासन और आयोजन कमेटी सवालों के घेरे में है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे मुख्य कारण भीड़भाड़ को बताया गया है।
SIT की 900 पेज की रिपोर्ट में हादसे के जिम्मेदारों के नाम
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। रिपोर्ट को अभी पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है। दो सदस्यीय जांच टीम ने 150 अधिकारियों, कर्मचारियों और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए हैं। मुख्यमंत्री ने सत्संग हादसे के बाद टीम गठित करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। हालांकि टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए छठे दिन अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। टीम ने एसडीएम द्वारा डीएम को भेजी गई रिपोर्ट, आयोजकों को दी गई अनुमति और उसमें लगाई शर्तों के अनुपालन की भी जांच की। सूत्रों के अनुसार टीम ने आयोजकों को दोषी ठहराया है। टीम ने पाया कि भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे।
