उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दो अहम फैसले लिए हैं। पहला लखनऊ के पंतनगर में घरों पर बुलडोजर भी नहीं चलेगा वहीं दूसरा शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस के फैसले पर भी दो महीने के लिए रोक लगा दी गई है। शिक्षकों की समस्या के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा। यानी योगी सरकार ने 24 घंटे के अंदर सरकार ने यूपी के लोगों को दो बड़ी राहत दी है।
पंतनगर में मकानों पर नहीं चलेगा बुलडोजर
दरअसल राजधानी के कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के नाम पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा था। कुकरैल नदी के किनारे 1,000 घरों को अवैध निर्माण के तौर पर चिन्हित किया गया था। ये सभी घर नदी के 50 मीटर के दायरे में बने हैं. इन्हें गिराए जाने के फैसले का विरोध हो रहा था और मंगलवार को पीड़ित परिवारों ने सीएम से मुलाकात की थी। कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर और अबरारनगर के करीब एक हजार मकान हैं. इन सभी मकानों पर बुलडोजर एक्शन नहीं होगा और प्रभावित परिवारों के लिए यह बड़ी राहत है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि आक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगेगी। पंतनगर में अब बुलडोजर नहीं चलेगा। इतना ही नहीं साथ में इंद्रप्रस्थ नगर में अब एक्शन नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने इस बात का भरोसा दिया है कि हमसे हमने बुलडोजर एक्शन पर रोक के आदेश जारी किए हैं। प्रभावित परिवारों से मुलाकात के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सबकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है।
ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस पर 2 महिने के लिए लगी रोक
सीएम योगी की ओर से ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगा दी गई है। शिक्षक संघ और शासन के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम योगी ने यह फैसला लिया। इस पर 2 महीने तक के लिए रोक लगा दी गई है। दरअसल, यूपी में टीचरों की डिजिटल हाजिरी के मसले पर यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मिले थे। मुख्य सचिव ने डिजिटल अटेंडेंस की समस्या का समाधान उन्हें आश्वासन दिया था। मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण करने के आदेश जारी किया। साथ ही शिक्षकों की समस्याओं को समझने और काम के दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए एक समिति का भी गठन किया जाएगा। शिक्षक संघों का कहना है कि बुनियादी समस्याएं दूर कर ली जाएंगी, तो उन्हें ऑनलाइन अटेंडेंस देने में परेशानी नहीं है। बता दें कि सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षक काफी नाराज थे।
