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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को चैलेंज, सोना गायब हुआ को शंकराचार्य सबूत दें या कोर्ट जाएं!

केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी मामले पर दिए स्वामी अवीमुक्तेश्वरानंद के बयान से सियासत एक बार फिर गरमा गई है। अब बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने केदारनाथ मंदिर में सोने के घोटाले के दावों पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य पर पलटवार किया। केदारनाथ मंदिर समिति का कहना है कि केदारनाथ धाम में सोना गायब होने के बारे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सिर्फ सनसनी फैलाना चाहते हैं। सबूत हैं तो सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जाएं।

क्या कहा था ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने?

दरअसल, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दावा किया है कि केदारनाथ मंदिर से 228 किलोग्राम सोना चोरी हुआ है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 15 जुलाई को दिल्ली में ‘केदारनाथ मंदिर’ का प्रतिकृति मंदिर बनाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- भगवान के हजार नाम हैं, किसी और नाम से मंदिर बनाएं… पूजा करें। जनता को भ्रम में न डालें। क्या दिल्ली में मंदिर बनाने के पीछे राजनीति है, इस पर शंकराचार्य बोले- हमारे धर्म स्थानों पर राजनीति वाले प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया और आज तक जांच नहीं हुई। कौन जिम्मेदार है? अब वहां घोटाला कर लिया तो दिल्ली में मंदिर बनाएंगे? वहां दूसरा घोटाला करेंगे? हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

शंकराचार्य सनसनी न फैलाएं, सबूत है तो कोर्ट जाएं- मंदिर समिति

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के सोना चोरी होने के जवाब में मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने बुधवार को कहा कि शंकराचार्य सनसनी फैलाते हैं। उन्हें अब चर्चा में बने रहने की आदत हो गई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की आदत है कि रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और आरोप लगाएं। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्वामी अवीमुक्तेश्वरानंद से धर्म प्रचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी अवीमुक्तेश्वरानंद को राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर धर्म प्रचार में हाथ बटाना चाहिए। एक संन्यासी को जनता के बीच भ्रांति फैलाना शोभा नहीं देता है।अजेंद्र अजय ने आगे कहा कि स्वामी अवीमुक्तेश्वरानंद को कांग्रेस का एजेंट न बनने की नसीहत दे दी है। उन्होंने कहा कि यदि स्वामी जी को केदारनाथ मामले पर संशय हो तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं या जांच की मांग कर सकते हैं। इस तरह बयान बाजी करके धार्मिक गरिमा को ठेस पहुंचती है।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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