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UPSC ने IAS पूजा खेडकर पर दर्ज कराई FIR, अफसरी जानी तय!

महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं। पिछले दो हफ्तों से विवादों में घिरी विवादित अफसर पूजा खेडकर के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने FIR दर्ज करा दी है। इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। UPSC ने पूजा खेडकर के खिलाफ कई तरह की कार्रवाइ करने की धमकी दी है। पूजा पर सिविल सेवा में पद हासिल करने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप है। पूजा पर पुणे में प्रशिक्षण के दौरान अपनी शक्ति और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगा है।

तो चली चाएगी पूजा खेडकर की अफसरी?

यूपीएससी ने पूजा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसमें एफआईआर दर्ज करके आपराधिक केस चलाना भी एक एक्शन है। साथ ही सिविल सेवा की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसमें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित करना और चयन को रद्द करना शामिल है.यूपीएससी अपने संवैधानिक जनादेश का कड़ाई से पालन करता है। यूपीएससी ने निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता बनाए रखी है। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में यूपीएससी अपने संवैधानिक मूल्यों का कड़ाई से पालन करता है। सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं को बिना किसी समझौते के यथासंभव उच्चतम स्तर के साथ संचालित करता है।

ट्रेनिंग के दौरान विवादों में आई, फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के भी आरोप

2023 बैच की IAS अधिकारी खेडकर के ऊपर हाल ही में पुणे में ट्रेनिंग के दौरान पावर और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था। पूजा पर अपनी पोस्टिंग के दौरान अलग केबिन और स्टाफ की मांग करने के आरोप लगे और इसी कारण वो मीडिया में सुर्खियों में आईं। बाद में उन पर गैर-क्रीमी लेयर अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र बनाने और विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए फर्जी पते और गलत वर्तनी का उपयोग करने का आरोप लगाया गया। इसके अलावा, उन्होंने कथित तौर पर यूपीएससी परीक्षा में अनुमति से अधिक बार उपस्थित होने के लिए अपनी उम्र और जन्म तिथि में हेराफेरी का भी आरोप लगा है। इस सप्ताह की शुरुआत में, यूपीएससी द्वारा 12 जुलाई को लिखे गए पत्र के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने पूजा खेडकर के जाति और विकलांगता प्रमाण-पत्रों की जांच शुरू की। आयोग ने पूजा खेडकर के माता-पिता के कथित तलाक से संबंधित दस्तावेज भी मांगे, क्योंकि उन्होंने ओबीसी कोटा लाभ मांगते समय अपने पिता की आय के बारे में अनभिज्ञता का दावा किया था।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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