नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई ने शनिवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) जमशेदपुर से बीटेक करने वाले एक मास्टरमाइंड और सॉल्वर के रूप में काम करने के आरोपी दो मेडिकल छात्रों को गिरफ्तार किया। एमबीबीएस छात्रों की गिरफ्तारी राजस्थान के भरतपुर से हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमबीबीएस के दोनों छात्र सॉल्वर के रूप में काम करते थे। इन दोनों की पहचान कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार के रूप में हुई है और दोनों ही भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं।
दो मेडिकल छात्र समेत 3 छात्र गिरफ्तार
अधिकारियों ने कहा कि तकनीकी निगरानी ने NEET-UG परीक्षा के दिन एमबीबीएस के दूसरे वर्ष के छात्र मंगलम बिश्नोई, प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्र दीपेंद्र की मौजूदगी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कथित तौर पर इंजीनियर पंकज कुमार द्वारा चुराए गए पेपर के लिए ‘सॉल्वर’ के रूप में काम कर रहे थे, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले शुक्रवार (19 जुलाई 2024) को सीबीआई ने रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा सुरभि कुमारी को कथित तौर पर सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की ओर से दो दिनों की विस्तृत पूछताछ के बाद कुमारी को हिरासत में लिया गया था।
नीट यूजी पेपर लीक में अबतक 21 गिरफ्तार
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी जमशेदपुर (झारखंड) के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य ने कथित तौर पर हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से नीट-यूजी पेपर चुराया था। एनआईटी, जमशेदपुर से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) पासआउट शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासु इस खेल में कुमार और रॉकी के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई के अधिकारियों के हवाले से बताया कि ताजा गिरफ्तारियों के साथ नीट यूजी परीक्षा में कथित गडबड़ियों से जुड़े छह मामलों में एजेंसी द्वारा अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 21 पहुंच गई है।
