बीते एक हफ्ते से देश के अधिकतर इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी है। केरल से लेकर राजस्थान और हिमाचल से उत्तर प्रदेश तक भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 4 से 5 दिन तक भारी बारिश की संभावना जताई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक बारिश से राहत मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। भारी बारिश और बादल फटने की घटना के चलते बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई है। एक ओर केरल के वायनाड में आए भूस्खलन में सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई है। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने के बाद जिस तरह से भूस्खलन हुआ है, उसने सभी को डराकर रख दिया है।
वायनाड में बारिश की तबाही से 308 की गई जान
केरल में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो रखा है। केरल के वायनाड में तो तबाही ही आ चुकी है। यहां भूस्खलन के चलते 308 लोगों को अब तक जान जा चुकी है। केरल के वायनाड में हालत गंभीर बने हुए हैं। अभी सैकड़ो लोग लापता बताए जा रहे हैं। 1200 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। अभी राहत कार्य जारी है. मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को केरल में भारी बारिश को संभावना जताई है। केरल के वायनाड में बचाव कार्य के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भूस्खलन के बाद सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं और पुल भी नष्ट हो चुके हैं। इस वजह से रेस्क्यू में मुश्किल आ रही है। ऊपर से उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से रेस्क्यू में जुटे आपात स्थिति कर्मियों के लिए कीचड़ और उखड़े हुए विशाल पेड़ों को हटाना कठिन हो गया है, जो घरों और अन्य इमारतों पर गिर गए हैं।
उत्तराखंड में आफत की बारिश, केदारनाथ में श्रद्धालु फंसे
उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही मची है। टिहरी से लेकर केदारनाथ तक हर जगह तबाही के निशान देखे जा सकते हैं। राज्य के विभिन्न स्थानों पर पिछले दो दिनों में बारिश संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गए, टिहरी के जिस नौताड़ इलाके और केदारनाथ में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। भारी बारिश के बाद केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है और बड़ी संख्या में ज्यादा लोग फंसे हैं। रात के समय भी रेस्क्यू अभियान रहा जारी रहा और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ ने मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया। अभी तक हेलिकॉप्टर और पैदल चलाए गए रेस्क्यू अभियान में 4000 से अधिक भक्तों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
हिमाचल में तबाही की बारिश में सड़क पुल बहे
अगले 5 दिन हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए मुश्किल भरे रहेंगे। हिमाचल के कुल्लू और रामनगर में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। व्यास और पार्वती नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की कई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 के करीब लोग लापता हैं। भारी बारिश की वजह से राज्य में कई जगह मकान, पुल और सड़कें पानी में बह चुके हैं। कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने की घटना सामने आई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. केंद्र सरकार ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
