विज्ञापन के लिए संपर्क करें

वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने की तैयारी में मोदी सरकार, सदन में आएगा विधेयक!

मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्ति को ‘वक्फ परिसंपत्ति’ घोषित करने और उस पर नियंत्रण करने की अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाना वाले है। इसके लिए सरकार विधेयक लाने वाली है और वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। इनमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने के लिए संशोधन शामिल है, जिन्हें कई तरह से मनमाना माना जाता है, जो अब देश भर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियों को नियंत्रित करता है।

वक्फ बोर्ड के पास देश भर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति

प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, वक्फ बोर्ड की ओर से किए गए संपत्तियों पर दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन का प्रस्ताव दिया जाएगा। इसी तरह, वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव किया गया है। फिलहाल वक्फ बोर्ड के पास देश भर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड के दावों का अनिवार्य रूप से वेरिफिकेशन किया जाएगा। ऐसा ही एक अनिवार्य वेरिफिकेशन उन संपत्तियों के लिए भी प्रस्तावित किया गया है, जिनके लिए वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों ने दावे और जवाबी दावे किए हैं। जानकारों का मानना है कि इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में होगा, जहां वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास जमीन भी बहुत है। 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी थीं। वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है।

मौजूदा कानून में बदलाव के आए थे आवेदन

वक्फ अधिनियम, 1995 को वक्फ की ओर से ‘औकाफ’ (वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्ति) को विनियमित करने के लिए अधिनियमित किया गया था। वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून के जरिये पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है। सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कानून की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के लोगों ने मौजूदा कानून में बदलाव की मांग करते हुए कई अभ्यावेदन दिए थे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव से बहुत पहले शुरू हो गई थी।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *