केंद्र सरकार जल्द ही संसद में एक विधेयक पेश करने जा रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य वक्फ अधिनियम में अहम संशोधन करना है। सूत्रों की मानें तो विधेयक में किसी भी भूमि को अपनी संपत्ति घोषित करने में वक्फ बोर्डों की व्यापक शक्तियों को सीमित करने का प्रयास किया गया है। तो आइये जानते हैं वक्फ एक्ट कब बना था और वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है और वक्फ क्या है?
क्या है वक्फ, कितनी है जमीनें?
वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या परोपकार के लिए दिया गया धन। इसके दायरे में चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां आती हैं। कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पैसा, जमीन, मकान या कोई और कीमती चीज वक्फ को दान कर सकता है। इन संपत्तियों के रख-रखाव और उनका प्रबंधन करने के लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ निकाय हैं। देश में अभी 30 वक्फ बोर्ड हैं। सभी वक्फ संपत्तियों से प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। यह ऐसी संस्थाओं के पास मौजूद संपत्तियों की संख्या के अनुरूप नहीं है। मूल रूप से वक्फ बोर्डों के पास पूरे देश में लगभग 52 हजार संपत्तियां थीं।
अंग्रेजों ने 1925 में पेश किया था धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम
वक्फ बोर्ड को लेकर अंग्रेजों ने सबसे पहले मद्रास धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम 1925 पेश किया था। इसका मुसलमानों और ईसाइयों ने बड़े पैमाने पर विरोध किया। इस तरह मुस्लिमों और ईसाइयों को इस विधेयक से बाहर करने के लिए इसे फिर से तैयार किया गया। बाद में इसे सिर्फ हिंदुओं पर लागू किया गया और इसका नाम बदलकर मद्रास हिंदू धार्मिक और बंदोबस्ती अधिनियम 1927 कर दिया गया।
1954 में संसद द्वारा पारित किया गया वक्फ अधिनियम
आजादी के बाद वक्फ अधिनियम पहली बार 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया। इसके बाद 1995 में एक नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया, जिसमें वक्फ बोर्डों को ज्यादा शक्तियां दीं गईं। 2013 में संशोधन हुआ और वक्फ बोर्डों को संपत्ति छीनने की असीमित शक्तियां दी गईं। वक्फ अधिनियम के संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया कि इसे किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो वक्फ बोर्ड के पास मुस्लिम दान के नाम पर संपत्तियों पर दावा करने की असीमित शक्तियां हैं।
केंद्र सरकार ने 40 संसोधनों को दी मंजूरी
वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट और ट्रांसफर में आएगा बदलाव
क्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन शामिल
पुरानी संपत्ति का नए सिरे से हो सकेगा सत्यापन
वक्फ बोर्ड की विवादित और पुरानी संपत्ति का नए सिरे से सत्यापन हो सकेगा। नया संशोधन उन संपत्तियों पर भी लागू होगा, जिन पर वक्फ बोर्ड और या किसी व्यक्ति ने दावे-प्रतिदावे किए हैं। प्रस्तावित एक्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड द्वारा किए गए सभी दावों का अनिवार्य और पारदर्शी सत्यापन जरूरी होगा. वक्फ एक्ट की धारा 19 और 14 में बदलाव होगा। इससे केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव संभव है। वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अब अपील की जा सकती है। यह प्रावधान अब तक नहीं था।
तामिलनाडु के एक पूरे गांव पर वक्फ बोर्ड ने किया था दावा
प्रस्तावित विधेयक इसी सत्र में लाया जा सकता है और अगर यह पारित हो गया तो वक्फ बोर्ड बिना सत्यापन किसी भी संपत्ति पर अधिकार घोषित नहीं कर सकेगा। वक्फ बोर्ड कई बार ऐसे दावे करता रहा है, जिससे विवाद हुआ। उदाहरण के लिए सितंबर 2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे थिरुचेंदुरई गांव पर अपना हक होने का दावा किया, जहां सदियों से बहुसंख्यक हिंदू आबादी रहती थी। अधिनियम में संशोधन के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा, क्योंकि दावे से पहले प्रत्येक संपत्ति के सत्यापन की व्यवस्था अनिवार्य की जा सकती है।
