अनुसूचित जाति (SC) व जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक सूची जारी की है।
बसपा, राजद का समर्थन, हम का किनारा
आरक्षण पर फैसले के विरोध में इस भारत बंद का बसपा, आरजेडी ने पूर्ण समर्थन किया है। चिराग पासवान की पार्टी ने भी बंद को समर्थन दिया है। वहीं जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने कहा है कि वह बंद के खिलाफ हैं और इसका समर्थन नहीं करते हैं। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भारत आदिवासी पार्टी मोहन लाल रोत का भी समर्थन मिल रहा है. साथ ही कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों के नेता भी समर्थन में हैं।
भारत बंद के दौरान क्या रहेगा खुला क्या होगा बंद?
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने विरोध के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का आह्वान किया है। हालांकि, बाजार समितियों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन और निजी क्षेत्र के परिचालन में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका है, लेकिन एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत बंद के आह्वान के बावजूद सरकारी ऑफिस, बैंक, पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। इसके अलावा आपातकालीन सेवाएं जैसे चिकित्सा, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, रेल सेवाएं और बिजली सेवाएं खुली रहेंगी। वहीं मेडिकल स्टोर भी खोले जा सकते हैं, फायर ब्रिगेड जैसी आपातकाल सेवाएं भी कार्यरत रहेंगी।
क्यों हो रहा है भारत बंद?
21 अगस्त को भारत बंद करने का मुख्य उद्देश्य है कि SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो ताजा फैसला दिया है उसे वापस लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का एक वर्ग काफी विरोध कर रहा है और उसको लेकर देशव्यापी बहस भी छिड़ी हुई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसपर आधारित है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में जो ‘क्रीमी लेयर’ हैं, उसकी जगह कोटा में उनमें भी जो वंचित वर्ग हैं, उन्हें प्राथमिकता मिले। लेकिन, इसका जबर्दस्त विरोध हो रहा है और विरोध करने वाले सर्वोच्च अदालत के फैसले को अन्यायपूर्ण बता रहे हैं।
