केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा एलान करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी। UPS से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा। राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। अगर राज्य के कर्मचारी शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होगा
यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी एकीकृत पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है। इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी। यह राशि रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के एवरेज बेसिक पे की 50% होगी। कर्मचारी 25 साल की सेवा के बाद इस पेंशन को पाने के हकदार होंगे। वहीं अगर किसी पेंशनभोगी की मौत हो जाती है तो उसे उस वक्त तक मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी परिवार को मिलेगा।
- 25 वर्ष की न्यूनतम सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% न्यूनतम पेंशन के रूप में मिलेगा
- 10 वर्ष की सेवा तक कम सेवा के लिए अनुपातिक राशि पेंशन के रूप में मिलेगी
- कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में तत्काल 60% की दर से पारिवारिक पेंशन सुनिश्चित की जाएगी
- 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10000 रुपये प्रति माह की दर से सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन राशि मिलेगी
- सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान का भी लाभ मिलेग
कब से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
UPS 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी। सरकार ने बताया कि NPS की शुरुआत के समय से इसके तहत रिटायर हुए सभी लोग और 31 मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले लोग भी UPS के सभी लाभों के लिए पात्र होंगे। उन्होंने जो भी पैसा निकाला है, उसे एडजस्ट करने के बाद बकाया मिल जाएगा।
क्या राज्य कर्मचारियों को भी मिलेगा इसका फायदा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगर राज्य सरकार यूपीएस को लागू करना चाहती है तो इसे लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को भी एकीकृत पेंशन योजना को चुनने का ऑप्शन दिया जाएगा। अगर राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख हो जाएगी. ये योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस से यूपीएस में चयन करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है यूनिफाइड पेंशन स्कीम ?
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 10% हिस्सा कटता है. NPS शेयर मार्केट पर आधारित है। इसलिए ये सेफ स्कीम नहीं मानी जाती। NPS में 6 महीने बाद मिलने वाले DA का कोई प्रावधान नहीं है। NPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती। UPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा. UPS के तहत अगर किसी ने 25 साल काम किया है, तो उसे पेंशन मिलेगी. अगर किसी ने 25 साल से कम, लेकिन 10 साल से ज्यादा काम किया है तो भी उसे पेंशन मिलेगी. लेकिन रकम कम होगी।
ग्रेच्युटी से अलग भुगतान
ग्रेच्युटी के अतिरिक्त रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान किया जाएगा. यह मंथली इनकम और महंगाई भत्ते को जोड़कर बनी रकम का 10वां हिस्सा होगा. इसे हर 6 महीने के अनुसार, कैलकुलेट किया जाएगा.
