जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के बीच सीटों की डील फाइनल हो गई है। प्रदेश की 90 सीटों पर 85 में दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे, शेष पांच सीटों पर दोनों दल आमने-सामने होंगे। इसमें फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस की पार्टी 51 जबकि कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इनके अलावा एक-एक सीट माकपा और पैंथर्स पार्टी के लिए छोड़ी गई है।
घंटों मीटिंग के बाद तय हुआ सीट शेयरिंग फॉर्मूला
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच सीटों के तालमेल को लेकर लगातार गतिरोध चल रहा था। सूबे की कुछ सीटों पर कांग्रेस और नेकां में बगावत की आशंका बनी हुई थी। जिसके बाद अंतत: दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूला 26 अगस्त को फाइनल हो गया ।कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, सलमान खुर्शीद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हामीद कर्रा ने सोमवार को श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला के घर जाकर मुलाकात की। नेताओं के बीच घंटों चली मीटिंग के बाद सीट शेयरिंग पर बात बनी थी।
गठबंधन बरकरार है-फारूक अब्दुल्ला
इससे पहले विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद कांग्रेस ने फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली पार्टी एनसी से गठबंधन का ऐलान किया था। इसके बाद समोवार को दिल्ली में सीटों बंटवारे पर पार्टी के नेताओं की अहम बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सीटों पर तालमेल हो चुका है। गठबंधन बरकरार है। नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उन पर कांग्रेस कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
हम एक साथ लड़ेंगे और सरकार भी बनाएंगे-कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हम एक साथ लड़ाई लड़ेंगे और हम वहां सरकार भी बनाएंगे। बीजेपी ने पहले पीडीपी के साथ गठबंधन किया था जबकि कांग्रेस पहले भी एनसी के साथ थी और अब भी उसके साथ है। बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाकर वहां के लोगों को धोखा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद करा ने कहा कि पांच सीटों पर नेकां और कांग्रेस के बीच मैत्रीपूर्ण मुकाबला होगा।
