बीते दिनों योगी सरकार ने पिछले दिनों सभी राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने को कहा था। लेकिन सख्त हिदायत के बाद भी अभी तक 2,44,565 राज्य कर्मियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर नहीं दिया है। अब सरकार ने ऐसे कर्मचारियों पर सरकार ने सख्त एक्शन लिया है और इन कर्माचारियों का वेतन रोक दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों का अगस्त महीने का वेतन रोक दिया गया है। जानकारी के मुताबिक 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर किया है। सूत्रों का कहना है कि अब भी जानकारी न देने वाले कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
सिर्फ 6 लाख कर्मचारियों ने ही दिया अपनी संपत्ति का ब्यौरा
यूपी के सरकारी विभागों में आठ लाख 46 हजार 640 कर्मचारी काम करते हैं। मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों को आईएएस और पीसीएस की तर्ज पर अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन दर्ज कराना होगा। इसमें शिक्षकों के साथ निगमों और स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को नहीं शामिल किया गया था।इसके बाद भी 6.02 लाख कर्मचारियों ने ही संपत्ति का खुलासा किया है। मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी करीब ढाई लाख कर्मचारियों ने संपत्तियों को ब्यौरा देने में हीलाहवाली दिखाई है।
ब्यौरा नहीं देने में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सबसे ज्यादा
अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वालों में सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग के ज्यादातर कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। अब मुख्य सचिव के ओर से जिन्होंने अपना ब्यौरा नहीं दिया है उनके वेतन रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं यूपी पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को पत्र लिखा है। पत्र में संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए समय मांगा है। डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र लिख पुलिसकर्मियों के लिए थोड़ा और समय मांगा है। 31 अगस्त तक संपत्ति की जानकारी पोर्टल पर देनी थी. त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण तमाम पुलिस कर्मी समय से अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए।
