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तो अब सियासी दंगल में होगी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की एंट्री! समझिए राहुल से मुलाकात के मायने

पिछले डेढ़ सालों से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया खबरों में हैं। कभी कुश्ती की वजह से तो कभी धरना प्रदर्शन को लेकर । इस बीच इन दोनों ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। राहुल से मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में कई अटकलें सामने आ रही है, जिनमें सबसे अहम है हरियाणा विधानसभा चुनाव के दंगल में बजरंग और विनेश की एंट्री। राहुल से मिलने के बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले। उनकी करीब 20 मिनट तक मुलाकात हुई। ऐसे में चुनावी समर में उतरने की संभावनाओं को और बल मिला है।

कांग्रेस ने ना इनकार किया ना इकरार किया

विनेश के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा- विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस जॉइन करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। दोनों कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस खेमे से पहलवानों के राजनीति में प्रवेश के बारे में न तो पुष्टि की और न ही इनकार किया। उन्होंने कहा, “मैं इस समय क्या कह सकता हूं?”जबकि एक दिन पहले ही, हरियाणा के लिए AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कि फोगाट और पुनिया के संभावित नामांकन पर स्पष्टता “परसों” आएगी।

पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित था- बीजेपी

बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार (4 सितंबर) को ओलंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि पिछले साल पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित था। खट्टर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे एथलीट विरोध प्रदर्शन के दौरान राजनीतिक चक्रव्यूह में फंस गए थे, जो तब शुरू हुआ वह अब अपने चरम पर पहुंच रहा है।  पहलवान कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं. इसका मतलब है कि वहां यह एक सांठगांठ है। अगर यह तब स्पष्ट नहीं था, तो अब यह बिल्कुल स्पष्ट है।’

विनेश और बजरंग को इन सीटों से चुनाव लड़ने की पेशकश

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व ने पहले ही दोनों को टिकट की पेशकश की है — विनेश को तीन सीटों के विकल्प दिए गए हैं, जबकि बजरंग के पास चुनने के लिए दो हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनेश फोगाट अपने ससुराल जींद के जुलाना के अलावा चरखी दादरी जिले में दादरी और बाढ़ड़ा शामिल हैं, जहां उनका पैतृक गांव बलाली स्थित है। उनके लिए तीसरा विकल्प जींद में जुलाना है, जो उनके पति सोमवीर राठी का जन्मस्थान है। वहीं पुनिया को बहादुरगढ़ और भिवानी की सीटें दी गई हैं, जो दोनों शहरी क्षेत्र हैं और जाट मतदाताओं की अच्छी खासी आबादी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर पहलवानों के आंदोलन को BJP के खिलाफ भुनाया जा सके। बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस को पॉजिटिव संकेत मिले हैं, लेकिन बात विनेश पर टिकी हुई है।

विनेश-बजरंग ने ही की थी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई

दरअसल, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट उन पहलवानों में शामिल थे, जिन्होंने बीजेपी के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने सिंह पर कई युवा जूनियर पहलवानों को परेशान करने का आरोप लगाया था। उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। अब राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ये तय हो गया है कि देर सबेर ये दोनों राजनीति में एंट्री करेंगे। ऐसे में बीजेपी को भी मौका मिल गया है कि वो इस धरना प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बता सकें और कांग्रेस पर खिलाड़ियों को बरगलाने का आराप लगा सकें।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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