उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव से पहले एक बार फिर से ज्ञानवापी पर बड़ा बयान दिया है। CM योगी ने कहा कि लोग आज के समय में ज्ञानवापी को दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं। लेकिन वो ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ जी हैं। ’उन्होंने कहा कि इसे मस्जिद कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। भौतिकता ही एकता-अखंडता की बाधा है। ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान गुरुवार को ज्ञानवापी पर वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद आया है।
हिंदी दिवस के कार्यक्रम पर सीएम योगी ने सुनाई कथा
गोरखपुर में हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने ज्ञानवापी को लेकर पुरानी कथा का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब आचार्य शंकर जब अपने अद्वैत ज्ञान से परिपूर्ण होकर वो ज्ञान साधना के लिए काशी में आए, तो काशी में साक्षात भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने देखा कि प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में आदि शंकर गंगा स्नान के लिए जा रहे होते तो वहां सबसे अछूत कही जाने वाली एक सामान्य व्यक्ति के रूप में वो उनके सामने खड़े हो गए तो आदि शंकर के मुंह से निकलता है कि हटो मेरे मार्ग से हटो।
ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं,
लेकिन ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही हैं… pic.twitter.com/njo9Fk03Xe
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2024
योगी ने आगे बताया कि ऐसे में सामने एक चांडाल होता है वो एक प्रश्न पूछता है कि आप खुद को ज्ञान का मर्मज्ञ मानते हैं। आप किसको हटाना चाहते हैं? आप का ज्ञान इस भौतिक काया को देख रहा है या फिर इस भौतिक काया के अंदर बसे ब्रह्म को देख रहा है। अगर ब्रह्म सत्य है तो जो ब्रह्म आपके अंदर है, वही मेरे अंदर है। अगर आप इस ब्रह्म सत्य को जानकर के इस ब्रह्म को ठुकरा रहे हैं तो इसका मतलब आपका यह ज्ञान सत्य नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक चांडाल के मुंह से ये बातें सुनकर आदि शंकर भौचक्के रह गए, कि एक चांडाल ऐसी बात कैसे बोल सकता।
योगी ने कहा कि इसके बाद आदिशंकर ने कहा कि आप कौन हैं? मैं जानना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जिस ज्ञानवापी की साधना के लिए आप यहां चलकर आए हैं। मैं उसका साक्षात स्वरूप विश्वनाथ हूं। फिर आदिशंकर उनके सामने नतमस्तक होते हैं। फिर आगे योगी ने कहा कि जिस ज्ञानवापी को साधना के लिए जाना जाता है, दुर्भाग्य से उस ज्ञानवापी को लोग दूसरे शब्दों में ज्ञानवापी मस्जिद कहते हैं। वो ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही है।
गुरुवार को ज्ञानवापी पर वाराणसी कोर्ट में हुई थी सुनवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान गुरुवार को ज्ञानवापी पर वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद आया है। वाराणसी की एक अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने की मरम्मत करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था।
