Tirupati Balaji Prasad: तिरुपति बालाजी प्रसाद में मछली का तेल मिलने पर आंध्रप्रदेश में राजनीती गरमाई हुई है। अब एक्टर और नायडू सरकार में मंत्री पवन कल्याण का बयान सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि, समय आ गया है कि, “सनातन धर्म रक्षा बोर्ड का गठन किया जाए।”
सनातन धर्म रक्षा बोर्ड का गठन किया जाए-पवन कल्याण
पवन कल्याण ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान, तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ़ वसा) मिलाए जाने की बात के संज्ञान में आने से हम सभी अत्यंत विक्षुब्ध हैं। तत्कालीन वाईसीपी (YCP) सरकार द्वारा गठित टीटीडी (TTD) बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे! इस सन्दर्भ में हमारी सरकार हरसंभव सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन, यह समूचा प्रकरण मंदिरों के अपमान, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई मुद्दों पर चिंतनीय प्रकाश डालता है। अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए। सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, आम नागरिकों, मीडिया और अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य सभी दिग्गजों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक सार्थक बहस होनी चाहिए। मेरा मानना है कि हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए अविलंब एक साथ आना चाहिए।”
पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान, तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ़ वसा) मिलाए जाने की बात के संज्ञान में आने से हम सभी अत्यंत विक्षुब्ध हैं। तत्कालीन वाईसीपी (YCP) सरकार द्वारा गठित टीटीडी (TTD) बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे! इस सन्दर्भ… https://t.co/SA4DCPZDHy
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) September 20, 2024
तिरुपति बालाजी प्रसाद में मिला था मछली का तेल
तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को लेकर विवाद तब सामने आया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने तिरुमाला में लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया था। बाद में, राज्य के मंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश नायडू ने भी कहा कि लड्डू तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए गए घी की प्रयोगशाला जांच में मछली के तेल और गोमांस की चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
