प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति के लिए रिफॉर्म की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर मानवता का कल्याण सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि शांति के लिए विकास में सुधार जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए मानव केंद्रित दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। जब हम ग्लोबल फ्यूचर के बारे में बात कर रहे हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सर्वप्रथम होनी चाहिए।
भारत के लिए ‘वन अर्थ’, ‘वन फैमिली’ और ‘वन फ्यूचर’ एक प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हाल ही में संपन्न हुए दुनिया के सबसे बड़े चुनावों में जनता ने उन्हें तीसरी बार देश की सेवा का मौका दिया है, और वह दुनिया की छठे हिस्से की आवाज़ को यूएन के मंच तक पहुंचाने के लिए आए हैं।उन्होंने कहा कि वैश्विक सतत विकास के साथ-साथ हमें भोजन और स्वास्थ्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना होगा। हमने भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के लिए ‘वन अर्थ’, ‘वन फैमिली’ और ‘वन फ्यूचर’ एक प्रतिबद्धता है। यही प्रतिबद्धता हमारे ‘वन अर्थ’, ‘वन हेल्थ’ और ‘वन सन’, ‘वन वर्ल्ड’, ‘वन ग्रिड’ जैसे पहल में भी देखाई देता है…”
पीएम मोदी ने वैश्विक शांति को लेकर व्यक्त की चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी हैं। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “रिफॉर्म इज द की टू रिलेवेंस”। उन्होंने अफ्रीकन यूनियन को नई दिल्ली में जी-20 में स्थायी सदस्यता दिलाने को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। पीएम मोदी ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि आतंकवाद एक बड़ा खतरा है, वहीं साइबर क्राइम, समुद्री सुरक्षा, और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी संघर्ष की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इन सभी मुद्दों पर वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है।
