खान-पीने के सामान में थूक और पेशाब मिलाने की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार ने प्रदेश में सभी खाने-पीने की दुकान, ढाबे, होटल और रेस्टॉरेंट्स पर अब मालिक और मैनेजर का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य विभाग की मीटिंग में यह आदेश दिया। उन्होंने उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट की गहन जांच और हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए। खाने की चीजों की शुद्धता के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जरूरी बदलाव किए जाएं।
सरकार के नए आदेश में क्या-क्या शामिल?
- प्रदेश के ढाबों, रेस्टोरेंट, होटलों और अन्य खान-पान के केंद्रों पर अब मालिक का नाम और पता प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। शेफ हो या फिर वेटर, सभी को लगाना होगा मास्क और ग्लव्स। होटल/ रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य है।
- खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.अपशिष्ट आदि गंदी चीजों की मिलावट की तो संचालक/प्रोपराइटर पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- रेस्टोरेंट-होटल में CCTV की व्यवस्था हो। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर, बल्कि पूरा रेस्टोरेंट CCTV से कवर होना चाहिए। हर होटल संचालक CCTV की फीड सुरक्षित रखेगा। जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराएगा।
- ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए।
बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं। बता दें, यूपी सरकार ने पूरे राज्य में इसी साल 19 जुलाई को दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था। हालांकि उस वक्त कांवड़ यात्रा चल रही थी।
