तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के अयोध्या, प्रयागराज और मथुरा के अहम मंदिरों में अलर्ट देखने को मिल रहा है। मंदिर प्रशासन की ओर से प्रसाद की तैयारी और वितरण में सुधार की मांग की गई है। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने देशभर में बेचे जा रहे तेल और घी की शुद्धता पर सवाल उठाते हुए बृहस्पतिवार को इनकी जांच की मांग की।
बाहर से आने वाले प्रसाद पर लगे पूर्ण प्रतिबंध-आचार्य सत्येंद्र दास
तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद पर टिप्पणी करते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने सभी प्रमुख मठों और मंदिरों में बाहरी एजेंसियों की ओर से तैयार किए जाने वाले प्रसाद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘तिरुपति बालाजी के प्रसाद में वसा और पशु चर्बी के इस्तेमाल को लेकर विवाद पूरे देश में बढ़ रहा है। संत और भक्त दोनों ही इस पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं।’’देश भर के सभी मठों और मंदिरों से अपील करते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “देवताओं के लिए प्रसाद मंदिर के पुजारियों की देखरेख में तैयार किया जाना चाहिए और केवल ऐसा प्रसाद ही देवताओं को चढ़ाया जाना चाहिए।”
‘प्रसादम’ व्यंजनों की प्राचीन शैली पर वापस लौटने की अपील
मथुरा में धर्म रक्षा संघ ने ‘प्रसादम’ व्यंजनों की प्राचीन शैली पर वापस लौटने के अपने फैसले की घोषणा की। ‘धर्म रक्षा संघ’ ने कृष्ण नगरी के मंदिरों में बाजार में मिलने वाली मिठाइयों के बजाय फल, फूल, पंचमेवा, इलायची के बीज और मिश्री जैसे प्राचीन प्रसाद चढ़ाने का फैसला किया है। यानी अब मिठाइयों की जगह फलों, फूलों और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बने प्रसाद को शामिल किया जाएगा। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने प्रसादम प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधारों की जरूरत पर बल दिया और कहा, धर्म गुरुओं और संगठनों के बीच शुद्ध, सात्विक प्रसादम चढ़ाने और स्वीकार करने की पारंपरिक प्रथाओं पर लौटने पर सहमति बन गई है। उनका कहना है कि तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद देशभर के मंदिरों की प्रसाद व्यवस्था में बड़े बदलाव किए जाने की आवश्यकता है।
‘संगम नगरी’ में भी बाहरी प्रसाद पर लगेगा बैन
‘संगम नगरी’ प्रयागराज में प्रमुख मंदिरों में भी बाहर से मिष्ठान- लड्डू, पेड़े आदि के रूप में प्रसाद लाकर चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है। इन मंदिरों के महंतों ने भक्तों से फिलहाल प्रसाद के रूप में नारियल, इलायची दाना, सूखे मेवे आदि चढ़ाने का आग्रह किया है, क्योंकि ये शुद्ध होते हैं। मनकामेश्वर मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा, जांच में जब तक मिठाइयों की शुद्धता स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक उन्हें मंदिर में चढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर के संरक्षक और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के प्रमुख महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने कहा, कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने के बाद मंदिर मैनेजमेंट खुद श्री बड़े हनुमान मंदिर के लिए ‘लड्डू-पेड़ा’ प्रसाद तैयार करेगा।अलोप शंकरी देवी मंदिर के मुख्य संरक्षक और श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव यमुना पुरी महाराज ने कहा, भक्तों को बाहर से मिठाई और प्रसाद लाने की अनुमति नहीं होगी.
