जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कैबिनेट के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें केंद्र सरकार से राज्य का दर्ज बहाल करने का अनुरोध किया गया है। उमर अब्दुल्ला कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को गुरुवार को ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन आज इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है, जिसके बाद पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की उम्मीदों को ज्यादा बल मिला है।
2 दिन में PM मोदी से मुलाकात करेंगे उमर अब्दुल्ला
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य का मूल दर्जा बहाल कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि उपराज्यपाल ने मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वहीं इस मुद्दे को लेकर डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र को अपना वादा पूरा करना चाहिए और राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए, यह हमारा अधिकार है। हम वही मांग रहे हैं जो उन्होंने पहले ही वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा है कि उमर अब्दुल्ला 2 दिन में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
चुनाव में गूंजा था पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का मुद्दा
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2024, के दौरान कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस गठबंधन ने जनता से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश का वादा किया था। अब चुनाव में कांग्रेस-एनसी गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में 16 अक्टूबर को CM पद की शपथ लेने के बाद अगले दिन ही उन्होंने प्रस्ताव पास किया। कैबिनेट की मीटिंग में डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी, मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जाविद अहमद डार और सतीश शर्मा भी मौजूद थे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म करते हुए उसे दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। चुनाव के दौरान पूर्ण राज्य का दर्जा और धारा 370 की फिर से बहाली की मांग भी उठी थी।
