नवरात्रि के साथ त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। अब इंतजार है दीपों के त्योहार दीपावाली और पूरब के सबसे बड़े त्योहार छठ पूजा की। लेकिन इस साल दिवाली की तारीख को लेकर पहले ही काफी कंफ्यूजन बना हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो वहीं, कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं। वहीं हर साल दिवाली के पूरे 6 दिन बाद छठ पर्व शुरू हो जाता है। दीवाली के कंफ्यूजन के बाद अब सवाल है कि आखिर इस साल कब है आस्था का महापर्व छठ? क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त? छठ पर कब दिया जाएगा अर्ध्य?
पूरे चार दिनों तक चलता है छठ महापर्व
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। ये महापर्व पूरे चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। छठ पूजा का मुख्य व्रत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छी सेहत-भविष्य के लिए सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा करती हैं। इस महापर्व के दौरान महिलाएं पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। इसी वजह से छठ के व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।
कब होगी छठ पूजा?
छठ पूजा के महापर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय के साथ होती है. दूसरे दिन लोहंडा और खरना होता है. वहीं, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद निर्जला व्रत का पारण किया जाता है. व्रत का पारण करने के साथ ही इस पर्व का समापन हो जाता है.
7 को संध्या , 8 को सुबह का अर्घ्य
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर की देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 8 नवंबर की देर रात 12 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में 7 नवंबर, गुरुवार के दिन ही संध्याकाल का अर्घ्य दिया जाएगा और सुबह का अर्घ्य अगले दिन 8 नवंबर को दिया जाना है।
05 नवंबर को नहाय खाय
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है। इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करती हैं। पंचांग गणना के अनुसार, 05 नवंबर को नहाय खाय है।
खरना कब है
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर खरना मनाया जाता है. खरना के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और छठी मैया की पूजा में लीन रहती हैं। इस साल खरना 6 नवंबर, बुधवार के दिन है।
