दीपावली का त्योहार संस्कृतियों और धर्मों से परे है, जिसमें सभी शामिल हैं। यहां दीपों का उत्सव है। धन की देवी की पूजा है। सिद्धि कामना के लिए भगवान श्री गणेश की अराधना है। यही खूबियां दीपावली को भारत में सबसे प्रसिद्ध त्योहार बनाती है। दीपावली के 5 दिनों में सभी लोगों के लिए पूजा से लेकर देर रात तक चलने वाली पत्तेबाजी तक, कुछ न कुछ है। दीपावली का पावन पर्व धनतेरस से आरंभ होकर भैया दूज पर जाकर संपन्न होता है। पांच दिनों के इस महापर्व में हर दिन विशेष महत्व रखता है। पंच दिवसीय महापर्व के पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीपवाली पर्व, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। पांच दिन के पांच त्योहारों को त्योहारों का राजा भी कहा जाता है।
धनतेरस
दीपावली महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। इसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि की पूजा का महत्व है। इस दिन लोग बर्तन, धातु व आभूषण खरीदते हैं। इस बार धनतेरस 29 अक्तूबर को मनाई जाएगी।
नरक चतुर्दशी
दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस कहते हैं। इसी दिन नरकासुर का वध कर भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार कन्याओं को नरकासुर के बंदीगृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इस उपलक्ष्य में दीयों की बारात सजाई जाती है।
दीपावली
तीसरे दिन को ‘दीपावली’ कहते हैं। यही मुख्य पर्व होता है। दीपावली का पर्व विशेष रूप से मां लक्ष्मी के पूजन का पर्व होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान रामचन्द्रजी माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास समाप्त कर घर लौटे थे। वहीं कार्तिक माह की अमावस्या को ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं…इस दिन दीप जलाए जाते हैं ताकि अमावस्या की रात के अंधकार में दीपों से वातावरण रोशन हो जाए। इस बार 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार है। वैसे तो अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 2:57 पर शुरू होगी और 1 नवंबर शाम 4:58 पर खत्म होगी। मगर लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्टूबर का दिन ही सही रहेगा।
गोवर्धन पूजा
दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। इसे पड़वा भी कहते हैं। उत्तर भारत में इसका प्रचलन है लेकिन दक्षिण भारत में बलि और मार्गपाली पूजा का प्रचलन है। कई राज्यों में इस दिन लोग अपने उपकरणों और हथियारों की पूजा करते हैं,इस दिन सभी व्यवसाय बंद रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण कई हजार साल पहले ब्रज के लोगों को गोवर्धन पूजा में लाए थे। तब से हर साल ब्रज लोगों की पहली पूजा के सम्मान में गोवर्धन की पूजा करते हैं।
भाई दूज
दीपावली के 5 दिनों में से पांचवां दिन भाई दूज या भाई बीज दिवस के रूप में मनाया जाता है। वैदिक काल के दौरान यमराज अपनी बहन यमुना के पास इसी दिन आए थे। उसने अपनी बहन को एक वरदान दिया कि जो व्यक्ति उस दिन उसके पास जाएगा, वह सभी पापों से मुक्त हो जाएगा और मोक्ष या परम मुक्ति प्राप्त करेगा। इस बार भाईदूज 03 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन दीपावली पर्व के पांच दिनों का समापन होता है। दिवाली का पर्व के साथ ये सारे त्योहार आपके जीवन में खुशियां लेकर आएं।
